Memory Of The World : ‘युनेस्को’ के ‘मेमरी ऑफ द वर्ल्ड’ में श्रीरामचरितमानस और पंचतंत्र का अंतर्भाव !

पेरिस – श्रीरामचरितमानस और पंचतंत्र को ‘युनेस्को’ के ‘मेमरी ऑफ द वर्ल्ड एशिया पॅसिफिक रिजनल रजिस्टर’ में अंतर्भूत किया गया है । इस कारण अब श्रीरामचरितमानस और पंचतंत्र विश्व स्तर पर सांस्कृतिक एवं साहित्यिक धरोहर के रूप में पहचाने जाएंगे । वर्ष २०२४ के संस्करण में एशिया पॅसिफिक के २० धरोहरों का अंतर्भाव है, जिनमें श्रीरामचरितमानस और पंचतंत्र की हस्तलिखित सामग्री अंतर्भूत है । अनेक भारतीय नागरिक गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस का पठन करते हैं, साथही बचपन से पंचतंत्रों की कहानियां सुनते हैं । ‘युनेस्को’ के ‘मेमरी ऑफ द वर्ल्ड’ का उद्देश्य विश्व की सभी मुख्य सांस्कृतिक धरोहरों का जतन करना है ।

संपादकीय भूमिका 

श्रीरामचरितमानस की आलोचना करनेवाले संकुचित भारतीय राजनेताओं को ‘युनेस्को’ ने लगाया यह करारा थप्पड ही कहना होगा !