नेपाली १०० रुपये के नए नोट पर नेपाल के नक्शे में भारत का हिस्सा दिखाए जाने पर विरोध जताया गया !
काठमांडू (नेपाल) – नेपाल के नए मुद्रा नोटों में नेपाल का नक्शा होगा। चूंकि यह कुछ भारतीय क्षेत्रों को नेपाल के हिस्से के रूप में दिखाएगा, इसलिए नेपाल के राष्ट्रपति के आर्थिक सलाहकार चिरंजीबी नेपाल ने सार्वजनिक विरोध व्यक्त किया। नेपाल सेंट्रल बैंक के गवर्नर रहे चिरंजीबी ने सरकार के फैसले की आलोचना की और उन्हें पद से हटाने की मांग की। अब इसी के चलते उन्होंने खुद ही पद से इस्तीफा दे दिया है।
#Nepal के राष्ट्रपति के भारत समर्थक आर्थिक सलाहकार #Chiranjibi ने अपना त्याग पत्र दे दिया है#Maldives जैसे नेपाल भी #China के इशारों पर अपना नाश कर रहा है! ये छोटे राष्ट्र, दक्षिण एशियाई #Pakistan व #SriLanka से नहीं सीखेंगे तो अंत ही होगाhttps://t.co/PYGDoRrxpc #IndiaNepal
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) May 14, 2024
१. कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड की अध्यक्षता में नेपाल के मंत्रियों की कैबिनेट ने १०० रुपये के नए नोट छापने का फैसला किया था। इसमें भारत के लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी क्षेत्रों सहित नेपाल का नया नक्शा शामिल होगा ।
२.भारत में एक अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में चिरंजीवी ने करेंसी नोटों पर भारतीय हिस्सा दिखाने के सरकार के फैसले को “अतार्किक” बताया। पूर्व प्रधानमंत्री समेत कई अन्य राजनेताओं ने चिरंजीवी के बयान का विरोध किया और उन्हें पद से हटाने की मांग की।
३. इससे पहले १८ जून २०२० को नेपाल ने एकतरफा तौर पर नेपाल के संविधान में संशोधन कर लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को अपना क्षेत्र घोषित कर दिया था। ये तीनों क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से भारत के साथ हैं। भारत ने नेपाल के इस कदम को ‘एकतरफा कृत्य’ बताया और नेपाल द्वारा क्षेत्रीय दावों के कृत्रिम विस्तार को ‘अक्षम्य’ करार दिया ।
संपादकीय भूमिकामालदीव की तरह नेपाल भी चीन के इशारों पर नाचकर आत्महत्या कर रहा है। यदि ये छोटे– छोटे राष्ट्र, दक्षिण एशियाई पाकिस्तान और श्रीलंका से कुछ नहीं सीखेंगे, तो प्रत्यक्ष भगवान भी इनकी सहायता क्यों करें ? |