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लक्ष्मणपुरी (उत्तर प्रदेश) – मानव तस्करी के संदेह पर ‘उत्तर प्रदेश राज्य बाल संरक्षण आयोग’ ने बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने २६ अप्रैल को अयोध्या से ९९ नाबालिक बचोंको बचाया। यह भी सामने आया कि इस कार्रवाई से पहले कई बच्चों को सहारनपुर भेजा गया था। उनसे मज़दूरी कराई जाती थी और मदरसों में पढ़ाने के नाम पर उनकी पिटाई की जाती थी। इस बार पुलिस ने ५ मौलवियों को भी गिरफ्तार किया है। इनमें सहारनपुर के ‘दारुल उलूम रफाकिया मदरसा’ के संचालक तौसीफ और ‘दारा अरकम’ के रिजवान भी शामिल हैं ।
Exposed : M@dr@$$@ becomes the center of Human trafficking and not of I$|@m!c studies.
Freed 99 children going to #Saharanpur from #Ayodhya
Operation by the ‘Uttar Pradesh State Commission for Protection of Child Rights.’
5 M@u|v!s taken into custody.
👉 M@dr@$$@$ are dens of… pic.twitter.com/AuiakjzTGf
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) April 28, 2024
Many media reports say that the situation in many Indian madarsas is no different !
As per @arifaajakia ji, madarsas should be banned in India.
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) May 19, 2023
इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि मदरसा संचालक शपथ पत्र साबित कर बच्चों से हस्ताक्षर करा लेता है। अभिभावकों को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। प्रतिज्ञा पत्र में लिखा है कि ‘सारा दायित्व बच्चों पर ही होगा।’ इसलिए, अगर मजदूर के रूप में काम करते समय किसी बच्चे की मृत्यु हो जाती है, तो भी संचालक को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाता है।
संपादकीय भूमिकामदरसे आतंकवाद, बलात्कार, समलैंगिक संबंध आदि के अड्डे हैं। इसलिए, कोई भी यह सोचेगा कि अब समय आ गया है कि सरकार पाकिस्तानी मूल के मानवाधिकार कार्यकर्ता और वर्तमान में लंदन में रह रहे आरिफ अजाकिया की राय पर विचार करे, ‘भारत में मदरसों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए’! |