India Intercepted China Ship : चीन की ओर से पाकिस्तान को मिसाइल कार्यक्रम के लिए लगने वाले यंत्र लेकर जाने वाली नौका भारत ने रोकी !


उरण (महाराष्ट्र)– ‘परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम’ में प्रयोग किए जाने वाले ‘कंप्यूटर न्यूमेरिकल कंट्रोल’ का (सी.एन.सी. का) सामान भारत की न्हवा-शेवा सीमा शुल्क विभाग के अधिकारियों ने चीन के रास्ते पाकिस्तान जाने वाली नौका से जब्त किया । सी.एन.सी. अर्थात ‘संगणक नियंत्रण यंत्र’ यह स्वयंचालित होने के कारण वहां मानवी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होती । सुरक्षातंत्रों ने ‘सुरक्षा शोध और संस्था’ की (डी.आर.डी.ओ. की) सहायता से जब्त की गई सामग्री की जांच करने पर उपर्युक्त बात उजागर हुई । पाकिस्तान के परमाणु उपक्रमों में मिसाइल विकसित करने के लिए और निर्माण करने के लिए इस सामग्री का प्रयोग किया जाता है ।

न्हावा-शेवा सीमा शुल्क विभाग के अधिकारियों को इस विषय की गुप्त जानकारी सुरक्षातंत्रों की ओर से मिली थी । इस आधार पर सुरक्षा विभाग के अधिकारियों ने संयुक्त कार्यवाही करते हुए कराची की ओर जाने वाली एक संदेहास्पद व्यापारी नौका पर कार्यवाही कर इसे रोका ।

सौजन्य : ht

१. २२ सहस्र १८० किलोग्राम वजन की सामग्री चीन के ‘तैयुआन मायिनग इंपोर्ट एंड एक्सपोर्ट’ कंपनी से पाकिस्तान की ‘कॉसमॉस इंजीनियर’ इस कंपनी के नाम से भेजी जाती थी ।

२. मिसाइल कार्यक्रमों के प्रयोग में लगने वाले ‘सी.एन.सी.’ यंत्र इटालियन कंपनी की ओर से तैयार किए जाते हैं । यह यंत्र संगणक द्वारा नियंत्रित किए जाते हैं । इस यंत्र द्वारा कार्यक्षमता, नियमितता और अचूकता का स्तर प्राप्त किया जा सकता है ।

३. पाकिस्तान के मिसाइल कार्यक्रम में प्रयोग किए जाने वाले इस ‘ऑटोक्लेव’ को जब्त करने के कारण पाकिस्तान द्वारा मिसाइल का गैर कानूनी प्रयोग और मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रेजिम का (एम.टी.सी.आर. का) उल्लंघन किए जाने की बात ध्यान में आती है ।

४. सी.एन.सी. यंत्र का प्रयोग इसके पहले उत्तर कोरिया ने किया था । अंतर्राष्ट्रीय शस्त्र नियंत्रण और सेना परमाणु प्रयोग सहित वस्तुओं का प्रसार रोकना यही महत्वपूर्ण उद्देश्य है । इसमें भारत सक्रिय है ।

५. नौका पर रखी सामग्री ‘शंघाई जेएक्सई ग्लोबल लॉजिस्टिक कंपनी लिमिटेड’ से भरी गई थी ।

संपादकीय भूमिका

पाकिस्तान को युद्ध की तैयारी करवाने में चीन का हाथ है । यह ध्यान में लेकर भारत *को अधिक से अधिक आक्रामक नीति चलाना आवश्यक !