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बॉन (जर्मनी) – द्वितीय विश्व युद्ध में मित्र राष्ट्रों ने जर्मन तानाशाह हिटलर की नाजी सेनाओं को हराया । जर्मनी से नाजीवाद का पूर्णतः उन्मूलन हो गया; परंतु अभी भी ऐसे विचारों के लोग हैं । जर्मनी की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी, अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी) ने देश में नाजी समर्थकों के साथ मिलकर गैर-जर्मनों को जर्मनी से बाहर निकालने का षड्यंत्र किया है। ‘करेक्टिव’ नामक संस्था के अनुसार ए.एफ.डी. तथा नव-नाजी समर्थकों की एक बैठक हुई । बैठक में गैर-जर्मन नागरिकों को देश से बाहर निकालने के फॉर्मूले पर चर्चा हुई । इस चर्चा के अनुसार, यह माना गया कि जिन लोगों को शरण मिली थी तथा वे अनुमति लेकर जर्मनी में रह रहे थे, उन्हें उनके देश वापस भेज दिया गया । इस बैठक में उच्चाधिकारी, व्यापारी आदि सम्मिलित हुए ।
Germany : Attempt of supporters of Nazi-ideology to drive out Non-German citizens from the country !
➡️A political party endorses
➡️ Public opposes👉 ‘The plan to expel immigrants or citizens of foreign origin is an attack on German democracy.’ – Olaf Scholz, Chancellor,… pic.twitter.com/QaSlSaeoeF
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) February 17, 2024
जनता का विरोध !
ए.एफ.डी. पार्टी की बैठक में गैर-जर्मनों के निर्वासन पर चर्चा की गई । जर्मनी में यह समाचार सार्वजनिक होने के बाद कई शहरों में लोग सड़कों पर उतर आए । लोगों के अनुसार यह बैठक लोकतांत्रिक तथा संवैधानिक मूल्यों के विरुद्ध है । कहा कि ‘ए.एफ.डी.’ पार्टी जर्मनी के लोकतंत्र के लिए संकट है । जर्मन संविधान कहता है कि किसी व्यक्ति के साथ मूल, नस्ल, भाषा अथवा मूल देश के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता है।
ए.एफ.डी. पार्टी पर प्रतिबंध लगाने की मांग
इस घटना के बाद ए.एफ.डी. पार्टी पर प्रतिबंध लगाने पर चर्चा आरंभ हो गई है । आंतरिक मंत्री थॉमस स्ट्रोबल ने कहा कि अगर सुरक्षा अधिकारियों को पार्टी पर प्रतिबंध लगाने के लिए पर्याप्त प्रमाण मिले, तो इस पर विचार किया जाना चाहिए । जर्मनी में केवल फेडरल संवैधानिक न्यायालय ही किसी राजनीतिक दल पर प्रतिबंध लगा सकता है।
१. “अप्रवासी अथवा विदेशी मूल के नागरिकों को निष्कासित करने की योजना जर्मन लोकतंत्र पर आक्रमण है ।” – ओलाफ शुल्ज़, चांसलर, जर्मनी
२. “लाखों लोगों को निर्वासित करने की योजना जर्मन इतिहास के सबसे काले अध्याय (हिटलर द्वारा यहूदियों का नरसंहार) का स्मरण कराती है ।” – क्रिश्चियन ड्यूर, सांसद, डेमोक्रेटिक पार्टी |