कारसेवकों का बलिदान कभी भी नहीं भूलेंगे ! – ओम भारती
लक्ष्मणपुरी (उत्तर प्रदेश) – श्रीराममंदिर के उद्घाटन के लिए ८ सहस्र मान्यवरों को निमंत्रण दिया गया है , जिसमें श्रीमती ओम भारती का भी समावेश है । वर्ष १९९० में राज्य में मुलायम सिंह की सरकार के रहते अयोध्या में आए कारसेवकों पर गोलीबारी की गई थी । उस समय १२५ कारसेवकों को घर में आश्रय देकर उनकी रक्षा ओम भारती ने की थी । उस समय विश्व हिंदू परिषद के प्रमुख अशोक सिंघल ने भी उनके घर में आश्रय लिया था । तब हुई गोलीबारी में कोलकाता के कोठारी बंधु शहीद हो गए थे । वह भी ओम भारती के घर में रुके थे ।
(सौजन्य : News Nation)
Smt. Om Bharati who had sheltered 125 Karsevaks in the year 1990 invited for the Inauguration Ceremony!
– Will never forget the sacrifice made by the Karsevaks! – Om Bharatiओम भारती I राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा#Karsevakfiring #RamMandirPranPratishtapic.twitter.com/hlThSBgdAv
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) January 16, 2024
श्रीमती ओम भारती ने बताया कि २ नवंबर, १९९० के दिन तत्कालीन मुलायम सिंह सरकार ने पुलिस को कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश दिया । अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए मुख्यमंत्री ने गोली चलाने का आदेश दिया । अब श्रीराममंदिर का उद्घाटन हो रहा है । इसका आनंद और समाधान है; लेकिन मेरे कारसेवकों का बलिदान, उनके द्वारा बहाया रक्त और उन्हें सहन करने पडे दु:ख मैं कभी भी भूल नहीं सकती । कोठारी बंधु मेरे घर पर छुपे थे । गोलीबारी से स्वयं का जीवन बचाने के लिए उन्होंने हमारे घर में आश्रय लिया था । घर से बाहर निकलते ही गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई । श्रीराममंदिर के लिए वे शहीद हो गए । उस समय कांग्रेस ने केवल दर्शक की भूमिका निभाई थी । उन्होंने किसी प्रकार की सहायता नहीं की । उस समय के मुख्यमंत्री अपने मुसलमान मतदाताओं को खुश कर रहे थे । इसीलिए उन्होंने कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश दिया ।