वर्ष १९९० में १२५ कारसेवकों को आश्रय देने वाली श्रीमती ओम भारती को उद्घाटन का निमंत्रण !

कारसेवकों का बलिदान कभी भी नहीं भूलेंगे ! – ओम भारती 

लक्ष्मणपुरी (उत्तर प्रदेश) – श्रीराममंदिर के उद्घाटन के लिए ८ सहस्र मान्यवरों को निमंत्रण दिया गया है , जिसमें श्रीमती ओम भारती का भी समावेश है । वर्ष १९९० में राज्य में मुलायम सिंह की सरकार के रहते अयोध्या में आए कारसेवकों पर गोलीबारी की गई थी । उस समय १२५ कारसेवकों को घर में आश्रय देकर उनकी रक्षा ओम भारती ने की थी । उस समय विश्व हिंदू परिषद के प्रमुख अशोक सिंघल ने भी उनके घर में आश्रय लिया था । तब हुई गोलीबारी में कोलकाता के कोठारी बंधु शहीद हो गए थे । वह भी ओम भारती के घर में रुके थे ।

(सौजन्य : News Nation) 

श्रीमती ओम भारती ने बताया कि २ नवंबर, १९९० के दिन तत्कालीन मुलायम सिंह सरकार ने पुलिस को कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश दिया । अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए मुख्यमंत्री ने गोली चलाने का आदेश दिया । अब श्रीराममंदिर का उद्घाटन हो रहा है । इसका आनंद और समाधान है; लेकिन मेरे कारसेवकों का बलिदान, उनके द्वारा बहाया रक्त और उन्हें सहन करने पडे दु:ख मैं कभी भी भूल नहीं सकती । कोठारी बंधु मेरे घर पर छुपे थे । गोलीबारी से स्वयं का जीवन बचाने के लिए उन्होंने हमारे घर में आश्रय लिया था । घर से बाहर निकलते ही गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई । श्रीराममंदिर के लिए वे शहीद हो गए । उस समय कांग्रेस ने केवल दर्शक की भूमिका निभाई थी । उन्होंने किसी प्रकार की सहायता नहीं की । उस समय के मुख्यमंत्री अपने मुसलमान मतदाताओं को खुश कर रहे थे । इसीलिए उन्होंने कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश दिया ।