श्रीराममंदिर के भव्य उद्घाटन समारोह की तैयारी अंतिम चरणों में… !

अयोध्या (उत्तर प्रदेश) – ५५० वर्षों के अतिक्रमण के उपरांत श्रीराम जन्मभूमि को मुक्त करने में हिन्दुओं को सफलता मिली तथा अब वहां भव्य श्रीराममंदिर बन गया है । २२ जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तों, सहस्रों साधु-संतों, महंतों, राममंदिर हेतु लडे कारसेवकों आदि की उपस्थिति में इस भव्य श्रीराम मंदिर का उद्घाटन समारोह मनाया जानेवाला है । श्रीराम जन्मभूमि तीर्थस्थल न्यास की ओर से यह तैयारी की जा रही है । इसके लिए सभी को निमंत्रण भेजे जा रहे हैं । इस समारोह को अपनी आंखों से देखने हेतु देश-विदेश से हिन्दू उपस्थित रहेंगे । यह समारोह देखने का सौभाग्य प्राप्त होने हेतु श्रीरामभक्त प्रयास कर रहे हैं ।

५१ इंच की होगी श्रीरामलला की मूर्ति !

श्रीराम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित की जानेवाली मूर्ति ५१ इंच की होगी । यह मूर्ति बालस्वरूप में होगी । इसके लिए ३ भिन्न-भिन्न शिल्पियों से मूर्तियां बनाई जा रही हैं । इन तीनों में से एक मूर्ति का चयन कर उसकी प्राणप्रतिष्ठा की जाएगी, साथ ही शेष ३ मूर्तियां भी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थस्थल न्यास के पास ही रहेंगी । इन मूर्तियों हेतु नेपाल की गंडकी नदी से २ विशाल शालीग्राम लाए गए थे । शिल्प एवं कला क्षेत्र के ख्यातिप्राप्त कलाकारों से इस मूर्ति का रेखाचित्र बनाया गया । उनमें से एक रेखाचित्र अंतिम किया गया । आज के समय में श्रीराम जन्मभूमि पर स्थित श्रीरामलला की धातु की छोटी मूर्ति भी इस गर्भगृह में पूजा के लिए रखी जाएगी ।

दर्शन हेतु १५ से २० सेकंड का समय मिलेगा !

२२ जनवरी २०२४ के अभिजीत मुहूर्त पर मृगाशीर्ष नक्षत्र में दोपहर १२.२० पर प्रधानमंत्रीजी के हस्तों श्रीरामलला का अभिषेक होगा । उसके उपरांत २७ जनवरी से प्रतिदिन डेढ लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है । अतः प्रत्येक श्रद्धालु को रामलला के दर्शन करने हेतु केवल १५ से २० सेकंड का समय मिलेगा ।

श्रीरामनवमी के दिन माथे पर आएंगे सूर्यकिरण !

गर्भगृह में स्थापित किए जानेवाले बालस्वरूप में स्थित श्रीराम की मूर्ति पर रामनवमी को सूर्यकिरण आएंगे । वह दृश्य अत्यंत विलोभनीय रहेगा, ऐसा श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के अधिकारियों ने बताया ।

ऐसा है श्रीराम मंदिर !

श्रीराम जन्मभूमि परिसर में २.७ एकड भूमि पर श्रीराम मंदिर का निर्माण हुआ है । वह ३ मंजिला है, जबकि उसकी ऊंचाई १६२ फुट है । इसका भूतल तथा प्रथम तल पूर्ण हुआ है, जबकि शेष २ तलों का निर्माणकार्य प्रगति पर है । मंदिर-निर्माण हेतु राजस्थान से उत्कीर्णित शिलाएं लाई गई हैं । मंदिर के आसपास ८ एकड के परिसर में ४८ फुट ऊंचे परकोटे का भी निर्माण किया जा रहा है । श्रीराम मंदिर के अतिरिक्त मंदिर परिसर में और ६ मंदिर बनाए जा रहे हैं । उनमें सूर्यदेव, भगवान विष्णु, पंचदेव मंदिर आदि मंदिर होंगे । श्रीराम मंदिर में कुल ३९२ स्तंभ होंगे । गर्भगृह में १६० स्तंभ तथा ऊपर के तल में १३२ स्तंभ होंगे ।

मंदिर के ८ द्वार होंगे । मंदिर का मुख्य प्रवेशद्वार सिंह द्वार होगा । यहां से मंदिर में प्रवेश करते ही सामने नृत्य मंडप, रंगमंडप तथा गूढ मंडप भी दिखाई देगा । श्रीराम मंदिर में प्रवेश करते ही पूर्व में एक मुख्य द्वार होगा, जहां से श्रद्धालु संकुल में प्रवेश करेंगे । मुख्य द्वार से सटकर ही बाहर निकलने हेतु द्वार है । इसके अतिरिक्त एक सुरंग का भी निर्माण किया जा रहा है, जहां से श्रद्धालु आ-जा सकेंगे ।

गुजरात से अयोध्या तक पुनः निकाली जा रही है रथयात्रा !

श्रीराम मंदिर के उद्घाटन की पृष्ठभूमि पर पुनः एक बार गुजरात से अयोध्या तक रथयात्रा निकाली जा रही है । ८ जनवरी से यह यात्रा गुजरात, मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश से जाएगी । २० जनवरी को यह रथयात्रा अयोध्या पहुंचेगी । कर्णावती के ‘रामचरितमानस ट्रस्ट-नुरानिप’ संस्था ने इसका आयोजन किया है । अयोध्या पहुंचने पर ट्रस्ट की ओर से श्री रामलला को ५१ लाख रुपए अर्पित किए जानेवाले हैं ।