पाक्षिक ‘सनातन प्रभात’ की वर्षगांठ के उपलक्ष्य में मान्यवरों एवं पाठकों की प्रतिक्रियाएं !

धर्म की रक्षा, उसकी स्थापना तथा दुष्प्रवृत्तियों के विनाश हेतु ही ‘सनातन प्रभात’ का जन्म ! – शंकर पांडे, पुसद, यवतमाळ, महाराष्ट्र

भारत एक हिन्दू राष्ट्र होते हुए भी इस देश में हिन्दुओं का दमन हो रहा है । सहिष्णु हिन्दुओं ने इस देश में अनेक धर्माें के अनुयायियों को उदारतापूर्वक शरण दी; परंतु इन शरणार्थियों ने ही हिन्दुओं को उन्हीं की मातृभूमि से विस्थापित करने का तथा उनके संहार का अभियान चलाया । यहां के हिन्दुओं ने राम एवं श्रीकृष्ण के नाम पर कभी भी अन्य धर्मियों का संहार नहीं किया । संपूर्ण विश्व को हिन्दूमय बनाने के उद्देश्य से कभी भी अन्य धर्मियों के प्रार्थनास्थल ध्वस्त नहीं किए । कभी भी अन्य देशों पर आक्रमण कर उनके भूभाग नहीं हडपे; परंतु आज उन्हीं सहिष्णु हिन्दुओं को आतंकी प्रमाणित करने के लिए अनेक षड्यंत्र रचे जा रहे हैं तथा दुर्भाग्यवश इस षड्यंत्र में स्वयं को धर्मनिरपेक्ष माननेवाले, सत्ता के लिए लाचार एवं स्वार्थी, आत्मघाती तथा दुर्घटनावश हिन्दू के रूप में जन्मे हिन्दुओं का सहभाग ही अधिक है । इस देश के एक पूर्व प्रधानमंत्री ने तो इस देश के संसाधनों पर पहला अधिकार मुसलमानों का ही होने की घोषणा कर हिन्दुओं को दूसरी श्रेणी की नागरिकता प्रदान करने में भी कोई कसर नहीं छोडी ।

श्री. शंकर पांडे

ऐसी भीषण स्थिति में ‘सर तनसे जुदा’ (सिर को शरीर से अलग करना) की धमकी की चिंता किए बिना, अनेक साधु-संत एवं विचारक दृढता से हिन्दुओं का पक्ष लेकर धर्मद्रोहियों एवं देशद्रोहियों से प्राणों की बाजी लगाकर लड रहे हैं । कुछ लोग हिन्दू संगठनों के आंदोलनों में प्रत्यक्ष भाग लेकर लड रहे हैं, कुछ लोग भाषण देकर लड रहे हैं, तो कुछ लोग धन अर्पण कर लड रहे हैं । कुछ लोग लेखनी के माध्यम से हिन्दुओं को जागृत करने का प्रयास कर रहे हैं । दुर्भाग्यवश इस देश की परिस्थिति हिन्दुत्वनिष्ठ लेखकों के लिए भी अनुकूल नहीं है । पहले ही इस देश में हिन्दुत्वनिष्ठ लेखकों की संख्या बहुत अल्प है । उसमें भी भारत का अधिकतर ‘प्रिंट मीडिया’ हिन्दूविरोधी है । इसलिए हिन्दुओं का पक्ष लेकर लडनेवाले लेखक किसी की गणना में नहीं हैं । अकेले महाराष्ट्र का ही विचार किया जाए, तो आज इस राज्य में प्रकाशित होनेवाले सहस्रों दैनिकों, साप्ताहिकों, पाक्षिकों एवं मासिकों में से हिन्दुओं के पक्षधरों की संख्या बहुत ही अल्प है; परंतु गर्व के साथ यह कहना पडता है कि विगत २४ वर्ष से ‘सनातन प्रभात’ ही एक नियतकालिक है, जो अत्यंत समर्थरूप से तथा निर्भयता से हिन्दुओं के पक्ष में खडा है ।

अनुकूल परिस्थिति में अनेक लोग साथ में आते हैं; परंतु वास्तव में सच्चे साथी वही होते हैं, जो प्रतिकूल परिस्थिति में भी साथ खडे रहते हैं । ‘सनातन प्रभात’ एक ऐसा समाचारपत्र है, जो प्रतिकूल परिस्थिति में भी हिन्दुओं का समर्थरूप से साथ दे रहा है । हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करना ही ‘सनातन प्रभात’ का उद्देश्य है तथा ‘सनातन प्रभात’ ने कभी भी अपने इस लक्ष्य को छिपाए नहीं रखा । ‘सनातन प्रभात’ ने अनेक हिन्दुत्वनिष्ठों को खुलेपन से लिखने का अवसर दिया है । हिन्दुत्वनिष्ठ लेखक इस ऋण को कभी नहीं भूलेंगे । गीता के वचन के अनुसार धर्म की रक्षा एवं उसकी स्थापना हेतु, साथ ही दुष्प्रवृत्तियों के विनाश हेतु ही मानो ‘सनातन प्रभात’ का जन्म हुआ है, ऐसा कहना अतिशयोक्तिपूर्ण नहीं होगा । ‘सनातन प्रभात’ का आरंभ होकर २४ वर्ष पूर्ण हो रहे हैं । पाक्षिक ‘सनातन प्रभात’ की २४ वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में मेरी अनेक शुभकामनाएं !

‘सनातन प्रभात’ की बेल गगन छुए । इस देश के प्रत्येक हिन्दू के घर में ‘सनातन प्रभात’ पढा जाए तथा इस देश के हिन्दुओं का ‘हिन्दू राष्ट्र’ का सपना बहुत शीघ्र साकार हो, यह मैं इस अवसर पर ईश्वर के चरणों में विनम्र प्रार्थना करता हूं !


भारत को ‘हिन्दू राष्ट्र’ बनाने हेतु ईश्वरीय आशीर्वाद से ‘सनातन प्रभात’ तीव्र गति से अग्रसर है ! – ईश्वरप्रसाद खंडेलवाल, राष्ट्रीय अध्यक्ष, लष्कर-ए-हिन्द

श्री. ईश्वरप्रसाद खंडेलवाल

‘सनातन प्रभात’ केवल समाचारपत्र नहीं है, अपितु वह परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी तथा अन्य संतों के विचारों से समाज को जागृत करनेवाला एक मार्गदर्शक है । पिछले २५ वर्षाें से ‘सनातन प्रभात’ निःस्वार्थभाव से यह भूमिका निभा रहा है । ‘सनातन प्रभात’ व्यावसायिक नहीं, अपितु एक आध्यात्मिक समाचारपत्र है । वह ईश्वरीय राज्य की स्थापना करने हेतु ईश्वर के उपदेश के अनुसार भारत को ‘हिन्दू राष्ट्र’ बनाने की दिशा में तीव्र गति से अग्रसर है । वर्षगांठ के उपलक्ष्य में मैं तथा मेरी संस्था की ओर से सनातन प्रभात को बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं ! धर्मसंस्थापना के देवता भगवान श्रीकृष्ण के चरणों में मैं यह प्रार्थना करता हूं कि ‘सनातन प्रभात’ इसी प्रकार समाज को जागृत करता रहे तथा हिन्दू राष्ट्र के लिए अपना कर्तव्य पूर्ण करे ।


विगत २४ वर्ष से जोर-शोर से सुविद्य एवं सुसंस्कृत समाज बनाने का कार्य करनेवाला ‘सनातन प्रभात’ ! – दुर्गेश परुळकर, प्रसिद्ध व्याख्याता, मुंबई

श्री. दुर्गेश परुळकर

‘सनातन प्रभात’ वह आबालवृद्ध का मार्गदर्शन करता है । ‘सनातन प्रभात’ ने राजनीतिक दृष्टि प्रदान करने का तथा सांस्कृतिक एवं धार्मिक मार्गदर्शन करने का व्रत लिया है । यह नियतकालिक साधना एवं नामजप का महत्त्व विशद करनेवाला तथा उसके लिए प्रेरणा देनेवाला नियतकालिक है । ‘सनातन प्रभात’ हिन्दू समाज को अपने धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्य का भान कराता है । इस प्रकार ‘सनातन प्रभात’ विगत २४ वर्ष से सुविद्य एवं सुसंस्कृत समाज बनाने का कार्य बडे जोर-शोर से कर रहा है । उसके लिए ‘सनातन प्रभात’ का अभिनंदन तथा आगे के कार्य के लिए हार्दिक शुभकामनाएं !


‘सनातन प्रभात’ लोगों में देशभक्ति जागृत करने का कार्य करता है ! – ब्रिगेडियर हेमंत महाजन (सेवानिवृत्त)

ब्रिगेडियर हेमंत महाजन (सेवानिवृत्त)

‘पाक्षिक ‘सनातन प्रभात’ को २४ वर्ष पूर्ण हो रहे हैं । इस उपलक्ष्य में मेरी ओर से बहुत-बहुत शुभकामनाएं ! यह एक उत्तम नियतकालिक है । इसमें राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, साथ ही देश की दृष्टि से विभिन्न महत्त्वपूर्ण विषयों पर उद्बोधक जानकारी होती है । मैं एक सेनाधिकारी हूं; इसलिए मेरी दृष्टि से देश की सुरक्षा अत्यंत महत्त्वपूर्ण विषय है । उसी प्रकार देश के नागरिकों के लिए भी यह अत्यंत महत्त्वपूर्ण विषय है, ऐसा मुझे लगता है । अतः संपूर्ण विश्व में क्या चल रहा है ? तथा एक सामान्य नागरिक देश को आगे ले जाने के लिए किस प्रकार अपना याोगदान दे सकता है ?, इस दृष्टिकोण से इस नियतकालिक में विभिन्न प्रकार के समाचार तथा विश्लेषण प्रकाशित होते हैं । इसके लिए मैं उनकी प्रशंसा करता हूं । ‘सनातन प्रभात’ लोगों की दृष्टि से प्रधानतापूर्ण विषय लेता है तथा उस माध्यम से लोगों के उद्बोधन का काम करता रहता है ।

देश की सुरक्षा अब केवल सेना अथवा पुलिस का विषय नहीं रहा है, अपितु अब वह प्रत्येक देशभक्त नागरिक का विषय बन चुका है । हम देश के लिए क्या कर सकते हैं ? साथ ही उसे किन-किन पद्धतियों से सुरक्षित रख सकते हैं ? यह भावना लोगों में जागृत होना आवश्यक है । यह महत्त्वपूर्ण काम ‘सनातन प्रभात’ करता है तथा उसका यह कार्य आगे भी जारी रहेगा । इसके कारण नागरिकों में देशभक्ति अथवा देश के लिए कुछ करने की भावना निश्चितरूप से बढेगी । इसके साथ ही ‘सनातन प्रभात’ के माध्यम से जनजागरण का अत्यंत महत्त्वपूर्ण कार्य भी होता रहेगा । आज के समय में ‘सनातन प्रभात’ मराठी, कन्नड, हिन्दी एवं अंग्रेजी, इन भाषाओं में प्रकाशित हो रहा है । आगे जाकर वह अन्य भाषाओं में भी प्रकाशित होगा, इसके प्रति मैं आश्वस्त हूं ।’


श्री. आनंद जाखोटिया

‘कहां जागृति के नाम पर सरकारी सुविधा से समाचारपत्र आरंभ कर अपने उद्योग समूह को बढावा देनेवाले आजकल के समाचारपत्र, और कहां आर्थिक हानि सहकर भी २५ वर्ष से बिना छुट्टी लिए सेवाभावी साधकों की शृंखला से प्रतिदिन राष्ट्र-धर्म रक्षा हेतु पाठकों को सक्रिय करनेवाला नियतकालिक ‘सनातन प्रभात’ ! – श्री. आनंद जाखोटिया, उज्जैन, मध्य प्रदेश