कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो का भारत को चिढाने वाला वक्तव्य !
ओटावा (कनाडा) – भारत और कनाडा के संबंधों में अचानक परिवर्तन होते दिखाई दे रहे हैं । खलिस्तानी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या के लिए भारत सरकार के कर्मचारियों ने संपर्क किया, ऐसा आरोप अमेरिका ने भारत पर करने के उपरांत यह परिवर्तन हुआ है । भारत की आलोचना करते हुए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने कहा कि कदाचित भारत को यह ध्यान में आया है कि वह सदैव आक्रमक भूमिका नहीं अपना सकता । इसलिए भारत सहयोग की स्थिति में आया है । अमेरिका की कठोर भूमिका के कारण भारत ठंडा पड गया है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार ही आतंकवादी पन्नू की हत्या के रचे गए षड्यंत्र के प्रकरण में वक्तव्य देते हुए कहा था कि, ‘कोई भी घटना अमेरिका-भारत संबंधों पर परिणाम नहीं कर सकती ।’ इसपर ट्रुडो ने उपरोक्त वक्तव्य दिया ।
ट्रुडो ने आगे कहा कि,
१. पन्नू प्रकरण में अमेरिका की कठोर भूमिका के कारण भारतीय तंत्र जांच में सहयोग देने के लिए तैयार हुए हैं । अब निज्जर हत्या के प्रकरण की जांच में भी भारत से कनाडा को ऐसा ही सहयोग मिलेगा, ऐसी आशा है । इससे इस प्रकरण के खरे हत्यारों को दंड मिलेगा । (ट्रुडो भारतीय दूतावास, हिन्दुओं के मंदिर आदि पर आक्रमण करनेवाले खलिस्तानियों को पहले पकडकर दंड दे और तत्पश्चात निज्जर की हत्या के विषय में बात करें ! – संपादक)
२. हम भारत से संघर्ष नहीं चाहते, हमें संबंध सुधारने हैं । (संबंध सुधारने के लिए आचरण भी वैसा ही होना चाहिए ! – संपादक) हम इंडो-पॅसिफिक रणनीती आगे लेकर जाना चाहते हैं; परंतु लोगों के अधिकार और सुरक्षा के लिए लडना, कनाडा का कर्तव्य है । (लोगों के अधिकार और भारतविरोधी खलिस्तानी आतंकवादियों के अधिकारों में अंतर है । ट्रुडो दोनों को समान नहीं समझ सकते । खलिस्तानियों का समर्थन करना, यदि यह कनाडा का कर्तव्य होगा, तो भारत के साथ उसके संबंध कभी नहीं सुधरेंगे, यह उसे सदैव ध्यान में रखना होगा ! – संपादक)
संपादकीय भूमिका‘भारत को चिढाने की अपेक्षा ट्रुडो भारत विरोधी गतिविधियां करनेवाले खलिस्तानियों पर कार्यवाहियां करें’, ऐसे शब्दों में भारत को उन्हें सुनाना आवश्यक है ! |