वाशिंगटन (यू.एस.ए.) – ´प्यू रिसर्च सेंटर´ द्वारा किए गए एक अध्ययन से ज्ञात हुआ है कि किशोर आयु के बच्चे सामाजिक माध्यम (सोशल मीडिया) का अत्यधिक उपयोग कर रहे हैं । यह पाया गया है कि सामाजिक माध्यम (सोशल मीडिया) के दुष्प्रभावों से अवगत होते हुए वे भी ऐसा कर रहे हैं ।
NEW: U.S. teens continue to use online platforms at high rates – with some describing their social media use as “almost constant.”
See which platforms they say they’re on today: https://t.co/KGPXIoTKCG
— Pew Research Center (@pewresearch) December 11, 2023
१. १३ से १७ वर्ष की आयु के मध्य के १,४५३ किशोरों पर ´प्यू रिसर्च सेंटर´ के अध्ययन में सामने आया कि औसतन ९३ प्रतिशत किशोर यूट्यूब का उपयोग करते हैं, ६३ प्रतिशत किशोर ‘टिक टोक’, ६० प्रतिशत ‘स्नैपचैट’ एवं ५९ प्रतिशत ‘इंस्टाग्राम’ का उपयोग करते हैं । २०१४-१५ में बच्चों के मध्य फेसबुक उपयोग की दर ७१ प्रतिशत थी । इस वर्ष यह घटकर ३३ प्रतिशत रह गई है । टिक टॉक तथा स्नैपचैट पर लडकों के अनुपात में लडकियां अधिक सक्रिय रहती हैं । अन्य सामाजिक माध्यमों का उपयोग दोनों द्वारा समान रूप से किया जाता है ।
२. सामाजिक माध्यम के उपयोग के अतिरिक्त किशोर कितना समय ´ऑनलाइन´ व्यतीत करते हैं अर्थात अंतरजाल (इंटरनेट) का उपयोग करते हैं,’ इसका भी सर्वेक्षण किया गया । ऐसा देखने में आया कि आधे किशोर प्रतिदिन ९ घंटे अंतरजाल (इंटरनेट) का उपयोग करते हैं । वर्ष २०१४-१५ में किए गए सर्वेक्षण से यह दोगुना है ।
३. डिजिटल उपकरणों का उपयोग भी बढ गया है । ९५ प्रतिशत किशोर ´स्मार्टफोन´ का उपयोग करते हैं, ९० प्रतिशत किशोर ´लैपटॉप अथवा कंप्यूटर´ का उपयोग करते हैं, ८३ प्रतिशत ´गेमिंग कंसोल´ का उपयोग करते हैं तथा ६५ प्रतिशत ´टैबलेट´ का उपयोग करते हैं ।
संपादकीय भूमिकाआज का युग चूंकि सामाजिक माध्यमों का है, इसलिए इस प्रकार का उपयोग आश्चर्यजनक नहीं कहा जा सकता, किंतु इन बच्चों को कौन बताए कि जीवन के लिए यह किस सीमा तक उपयोगी है तथा इसके दुष्प्रभाव क्या हैं ? उन्हें इससे हतोत्साहित कैसे किया जाए, यह यक्ष प्रश्न है ! |