Mysterious Pneumonia : चीन में तीव्रता से प्रसारित हो रहे निमोनिया के ७ रुग्ण भारत में भी पाए गए !

  • देहली स्थित एम्स का दावा है कि यहां के रुग्णों का चीन के निमोनिया से कोई संबंध नहीं है !

  • राजधानी बीजिंग में एक दिन में १३ शिशु चिकित्सालय में प्रविष्ट !

बीजिंग (चीन) – पिछले कुछ हफ्तों में चीन में रहस्यमय निमोनिया के कई प्रकरण उजागर हुए हैं। वहां संक्रमण तीव्रता से प्रसारित हो रहा है और उत्तरी चीन में अधिक केंद्रित है। पडोसी देश वियतनाम में भी इसके रुग्ण पाए गए हैं और चीन के ‘देहली एम्स’ में भी इस रहस्यमयी रोग के ७ रुग्ण  पाए गए हैं; किन्तु एम्स ने कहा है कि ‘इन रुग्णों का चीन में निमोनिया से कोई संबंध नहीं है.’

१. ‘माइकोप्लाज्मा निमोनिया’ नाम की इस बीमारी के रुग्ण अक्टूबर २०२३ में चीन में पाए गए थे । २३ नवंबर को चीनी सामजिक माध्यम ने प्रथम यह समाचार दिया कि वहां के विद्यालयों में एक रहस्यमयी बीमारी प्रसारित हो रहीं है. ´अल जजीरा´ समाचार संस्था के अनुसार , बीजिंग के चिकित्सालयों में प्रति  दिन इस बीमारी से पीडित अनुमानित १२,०० रुग्ण प्रविष्ट हो रहे हैं। भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी १०  दिन पूर्व इस रोग के संबंध में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को परामर्शी भेजी थी ।

२. केंद्र सरकार ने वक्तव्य प्रसारित कर कहा है कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में प्रविष्ट ७ रुग्णों को निमोनिया है; किन्तु उसका चीन की बीमारी से कोई संबंध नहीं है । जनवरी २०२३  से, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने ६११ नमूनों का परीक्षण किया है और उनमें से किसी का भी माइकोप्लाज्मा निमोनिया के लिए सकारात्मक परीक्षण नहीं हुआ है। केंद्र सरकार और स्वास्थ्य विभाग इस पर दृष्टि रखे हुए हैं ।

ये हैं इस रहस्यमय रोग के लक्षण !

ऐसा ज्ञात हुआ है कि जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अल्प है, उन लोगों को यह बीमारी हो रही है । शिशु इस रोग के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील होते हैं क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अल्प होती है । ये हैं इस रोग के लक्षण:

  • खांसी
  •  गले में वेदना अथवा किच-किच
  •  ज्वर 
  • फेफडे में शोथ 
  • श्वसन तंत्र में शोथ 

यह एक संक्रामक रोग है, जो संक्रमित रुग्ण के संपर्क में आने से प्रसारित होता है । इसलिए इस रोग के प्रसार की आशंका बढ गई है ।

‘लैंसेट माइक्रोब’ नाम के मेडिकल जर्नल में छपे विवरण के अनुसार , भारत में ´पीसीआर परीक्षण ´ करने से एक प्रकरण सामने आया है । अन्य ६ प्रकरणों का निदान ‘IgM ELISA’  नामक परीक्षण द्वारा किया गया । यह एक प्रकार का रक्त परीक्षण है, जो संक्रमण के उपरांत किया जाता है ।

  • ‘प्रो-मोड’ संस्था का दावा, चीन में है कोरोना जैसी भयावह परिस्थिति !

  • वर्ष २०१९ में इसी संस्था ने कोरोना के संबंध में सावधान करने वाली चेतावनी प्रसारित की थी !

कोरोना की तरह चीन इस बार भी इस रहस्यमय बीमारी के आंकडे छुपा रहा है । विश्व स्वास्थ्य संगठन अनेक बार चीनी सरकार से इस बीमारी के संबंध में पूछ चुका है । यह रोग जीवाणु संक्रमण से प्रसारित होता है । इसके जीवाणु को ‘माइकोप्लाज्मा निमोनिया बैक्टीरिया’ कहा जाता है । ज्ञात हो कि गत माह १५ नवंबर को ‘प्रो-मेड’ नामक सर्वेक्षण संगठन ने चीन में निमोनिया संक्रमण के प्रसारित होने के संबंध में पूरे विश्व में ‘अलर्ट’ जारी किया था । इसी संस्था ने वर्ष २०१९ में भी कोरोना को लेकर सतर्क रहने की चेतावनी दी थी । इस संस्था के अनुसार बीजिंग में एक दिन में १३,००० शिशुओऺ को चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है । चिकित्सालय में प्रति दिन ७ सहस्र से अधिक शिशु आ रहे हैं । ये सब २०१९ के कोरोना जैसी परिस्थिति का स्मरण करता है । यह सब देखते हुए, ऐसा नहीं लगता कि यह केवल ´सामान्य निमोनिया है ।’