मुंबई – स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने वाली संस्था प्रिस्टिन केयर द्वारा ४,००० नागरिकों पर किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, मुंबई तथा दिल्ली में १० में से ६ लोग पलायन करने के बारे में विचार कर रहे हैं क्योंकि बढ़ते प्रदूषण के कारण उन्हें विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है ।
कई लोगों ने कहा, “प्रदूषण के कारण हमने सुबह टहलना भी बंद कर दिया है ।’’ ९० प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें सांस की समस्या हो गई है । इस अवलोकन से यह भी पता चला कि इस वायु प्रदूषण के कारण नागरिकों में खांसी, गले में खराश, आंखों से पानी आना, घरघराहट तथा अस्थमा जैसे विभिन्न रोग बढ गए हैं । इन समस्याओं का प्रमाण तब और अधिक बढ जाता है, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक गिर जाता है, विशेषकर सर्दियों में ।
दिल्ली में ३० प्रतिशत लोगों ने मास्क का उपयोग करना आरंभ किया है तथा दिल्ली एवं मुंबई में २७ प्रतिशत नागरिकों ने एयर प्यूरीफायर (हवा शुद्धिकरण यंत्र) का उपयोग करना आरंभ किया है । ४३ प्रतिशत नागरिकों ने कहा कि प्रदूषण के कारण उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई है ।
संपादकीय भूमिकाकहां वह भारतीय संस्कृति जिसने हजारों वर्षों तक पृथ्वी को प्रदूषण से मुक्त रखा, तो कहां वह आधुनिक विज्ञान जिसने मात्र १०० वर्षों में ही पृथ्वी को प्रदूषित कर दिया ! |