‘वीर भोग्या वसुंधरा:’ अर्थात इस पृथ्वी पर केवल शूरवीर ही राज कर सकते हैं । कायरों को इस पृथ्वी पर राज करने का कोई अधिकार नहीं ! मुझे तो वर्तमान काल में केवल एक ही देश दिखाई दे रहा है, जो कि शूरवीर है, जिसमें एक शूरवीर वंश है और एक शूरवीर नेतृत्व है । यही वह देश है जो संपूर्णरूप से अपने राष्ट्र की रक्षा हेतु, राष्ट्र के सम्मान हेतु अपने प्राणों की परवाह न कर, केवल दो सौ बंधकों की रक्षा के लिए, दुर्दांत (प्राणघातक) दानवों को उखाड फेंकने के लिए कटिबद्ध है ।
भारत में हमारे विपक्ष के कुछ नेता तो हमारी सेना के वीरों को वेतनभोगी समझते हैं तथा वेतन के बदले प्राणों की आहुति देना, उनका व्यवसाय मानते हैं । ऐसे में क्या इन सूरदासों को हम वीर, वीरों का सम्मान करनेवाला, राष्ट्र की रक्षा करनेवाला मान सकते हैं ? कदापि नहीं ! राष्ट्र संख्या, बर्बर आततायियों (आतंकवादियों), स्वार्थी तत्त्वों से नहीं बना करता । मैं सत्य और न्याय की इस लडाई में इजराइल को समर्थन देना चाहूंगा । इसलिए कि मैं मानता हूं कि यह लडाई इजराइल की द्रौपदी के चीरहरण से आरंभ हुई और इसका उत्तर है प्रत्येक दु:शासन की जंघा तोडना । मैं उस धरती को प्रणाम करता हूं जहां के वीरों ने अपनी मां-बहनों की रक्षा, राष्ट्र के सम्मान के लिए अपना जीवन दांव पर लगा दिया है । अंत में जीत इन वीरों की ही होगी । मैं इन वीरों को प्रणाम करता हूं । यह महायुद्ध सत्य के लिए हो रहा है । जीत सदैव सत्य की होती है और अब भी होकर रहेगी ।
– डॉ.अजय सिंह, अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष, वर्ल्ड हिन्दू फेडरेशन