|
पाटलिपुत्र (बिहार) – श्री दुर्गादेवी जैसा कुछ नहीं है,यह सब काल्पनिक है, ऐसे हिन्दूद्वेषी विषैले बोल बिहार में रोहतास जिले के डेहरी के राष्ट्रीय जनता दल विधायक फतेह बहादुर सिंह के हैं । वे एक कार्यक्रम में बोल रहे थे । दुर्गा सप्तशती बनावटी और निरुपयोगी कथा है, ऐसा कहते हुए उन्होंने स्वयं को ‘महिषासुर का वंशज’ संबोधित किया ।
(सौजन्य : Shaurya News India)
फतेह बहादुर ने आगे कहा कि,
१. महिषासुर एक तेजस्वी राजा था और उसने ९०% बहुसंख्य लोगों का प्रतिनिधित्व किया था । (महिषासुर जैसे दुष्ट और अहंकारी राक्षस से सामान्य जनता को छुटकारा दिलाने के लिए महिषासुरमर्दिनी श्री दुर्गादेवी का अवतार हुआ, यह सर्वश्रुत तथा सर्वज्ञात होते हुए भी महिषासुर को तेजस्वी और जननेता बता कर फतेह बहादुर ने अपनी अज्ञानता ही प्रकट की है ! – संपादक)
२. धर्मग्रंथ में ऐसा कहा गया है कि, भगवान शिव ने अन्य देवताओं सहित श्री दुर्गादेवी का आवाहन कर उनकी निर्मिति की । इस रिश्ते से दुर्गादेवी शिव की कन्या हुई । दूसरी ओर इस दुर्गादेवी को ‘महागौरी’ इस नाम से संबोधित किया जाता है । महागौरी शिव की पत्नी थीं, अर्थात भगवान शिव ने उनकी लडकी से विवाह किया क्या ? ऐसा अश्लील प्रश्न उन्होंने रखा । (पौराणिक कथाओं का अयोग्य अर्थ लगाकर हिन्दुओं के आस्थाकेंद्रों का अपमान करने वाले फतेह बहादुर की अल्प बुद्धि पर जितना तरस खाएं उतना ही कम है – संपादक)
३. मनुवादियों द्वारा ‘श्री दुर्गादेवी ने महिषासुर की करोडों की सेना से युद्ध किया और महिषासुर का संहार किया’ ऐसा लिखा गया है । मुझे ऐसे मनुवादियों से पूछना है कि, जब मुट्ठी भर ब्रिटिशों ने भारत को गुलाम बनाया, तब दुर्गादेवी क्या कर रही थीं ? (देवता, अवतार आदि के उच्चकोटि के कार्य के विषय में तनिक भी ज्ञान न रखने वाले ऐसा अज्ञानमूलक प्रश्न कर सकते हैं ! – संपादक) इसके पूर्व बिहार में राष्ट्रीय जनता दल के एक अन्य विधायक तथा शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव ने विवादित विधान करते हुए रामचरितमानस की तुलना ‘पोटेशियम साइनाइड’ से की थी ।
संपादकीय भूमिका
|