|
नई देहली – भारत के विरोधी राजनीतिक दलों ने एक संयुक्त वक्तव्य प्रसारित कर यह मांग की है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस्राईल-पैलेस्टाईन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रयास करने चाहिएं । इसके साथ ही फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों का सम्मान करने, साथ ही गाजा पट्टी के लोगों को तत्काल मानवीय सहायता पहुंचाने पर बल दिया जाना चाहिए । इसके लिए इस्राईल पर दबाव बनाया जाना चाहिए इस वक्तव्य में हमास के आतंकियों द्वारा किए गए भयानक आक्रमण में मारे गए इस्राईल के १ सहस्र ३०० नागरिकों के संबंध में एक शब्द भी नहीं बोला है ।
Today, parliamentarians and politicians of different parties met Palestinian Ambassador & expressed deep concern for Palestinians people including innocent children being brutally killed in Gaza by Israeli forces. We demand interna’nal community to intervene & stop this madness. pic.twitter.com/C6VFO7rDw1
— Kunwar Danish Ali (@KDanishAli) October 16, 2023
१. विरोधी राजनीतिक दलों के नेताओं ने १६ अक्टूबर को भारत में स्थित पैलेस्टाईन के राजदूत अदनान मोहम्मद जाबेर अबुलहैजा से भेंट की । उसके उपरांत उक्त संयुक्त वक्तव्य प्रसारित किया गया । इस शिष्टमंडल में कांग्रेस के नेता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर, श्रीकांत जेना, भाकपा के प्रमुख डी. राजा, माकपा के नेता नीलोत्पल बसू, बसपा सांसद दानिश अली, राजद सांसद मनोज झा, समाजवादी दल के जावेद अली, जनता दल संयुक्त के महासचिव के.सी. त्यागी आदि सम्मिलित थे । इसके उपरांत इन नेताओं ने एक संयुक्त वक्तव्य प्रसारित करते हुए इस युद्ध को रोकने के लिए विशेष प्रयास करने पर बल दिया ।
२. इस शिष्टमंडल द्वारा प्रसारित संयुक्त वक्तव्य में आगे कहा गया है कि हम गाजा पट्टी पर चल रहे संकट तथा पैलेस्टिनी लोगों के दुख पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं । इस्राईल के द्वारा गाजा पट्टी पर चल रही अंदाधुंद बमबारी की कठोर शब्दों में निंदा करते हैं । इससे इस्राईल नरसंहार करने का प्रयास कर रहा है ।
३. यानंतर इस शिष्टमंडल के नेताओं ने सामाजिक प्रसारमाध्यम ‘एक्स’ पर गाजा के निर्दाेष बच्चोंसहित पैलेस्टिनी जनता की किस प्रकार हत्याएं की जा रही हैं, इसके छायाचित्र प्रसारित किए । इस पोस्ट में उन्होंने यह भी लिखा है कि ‘अब इस्राईल की मूर्खता रुक जानी चाहिए ।’
संपादकीय भूमिका
|
जैसे इंग्लैंड अंग्रेजों का, फ्रांस फ्रांसीसी लोगों का; वैसे ही पैलेस्टाईन है अरब लोगों का ! – विरोधी दलइन विरोधी दलों ने अपने संयुक्त वक्तव्य में आगे लिखा है कि म. गांधी ने जो बताया है कि ‘इंग्लैंड अंग्रेजों का है, फ्रांस फ्रांसीसी लोगों का है’, तो उसी आधार पर पैलेस्टाईन अरब लोगों का है । पैलेस्टाईन की संप्रुभता को मान्यता दी जानी चाहिए । पैलेस्टिनी लोग विगत ७५ वर्ष से बहुत यातनाएं सहन करते आए हैं तथा अब ये यातनाएं समाप्त होने का समय आ चुका है । संपादकीय भूमिकायदि ऐसा है, तो इन धर्मनिरपेक्ष विरोधी दलों को ‘भारत है हिन्दुओं का !’, इसे स्वीकार करना पडेगा । इस पृष्ठभूमि पर अब हिन्दुओं को भी भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित किया जाए, इसके लिए प्रयास करने आवश्यक ! |