‘भयंकर यातना सहने से अच्छी (बेहतर) है मृत्यु’, पिता की हृदयविदारक भूमिका !
तेल अवीव (इजरायल) – हमास के आतंकवादी ने इजराइलियों के विरुद्ध क्रूरता की सीमा लांघ दी है, सामाजिक माध्यमों से विश्व के सामने उसकी जानकारी आ रही है । हमास ने अनेक शिशुओं की निर्दयता से हत्या कर दी है। ठीक ऐसे ही हमास द्वारा मारी गई ८ वर्ष की बच्ची के व्यग्र पिता ने संतोष व्यक्त किया । उसका नाम थॉमस हैंड है तथा वह मूल रूप से आयरलैंड का रहने वाला है । उन्हें लगा कि लडकी की हत्या उन पर दया है । उनकी बेटी का नाम एमिली था ।
(सौजन्य : HellAwaitsFornicators)
थॉमस हैंड ने कहा,
१. हमास आतंकियों ने गोली मारकर एमिली की हत्या कर दी थी । यातनाएं भोगने से अच्छा हुआ कि बेटी की मृत्यु हो गई ।
२. जब मुझे समाचार मिला कि हमास के आक्रमण में एमिली की मृत्यु हो गई है तो मैंने इस कटु सत्य को दु:खद हास्य से स्वीकार कर लिया । ऐसा इसलिए क्योंकि जिन संभावनाओं की मैंने कल्पना की थी, उससे यह ठीक ही हुआ, ऐसा लगता है ।
३. यदि उसकी मृत्यु नहीं होती तो आज वह गाजा में होती । आप कल्पना भी नहीं कर सकते कि गाजा में उसके साथ क्या हुआ होता ? उसे मृत्यु से भी भीषण यातनाएं मिली होतीं । उनके पास न भोजन है, न पानी । वहां वह एक काल कोठरी में बंद कर दी गई होती । प्रति पल तथा प्रति घंटे वह भयभीत होती रहती । अत: उसकी मृत्यु एक वरदान ही है ।
संपादकीय भूमिकायह हमास आतंकवादियों की पाश्विक मनोवृत्ति को दर्शाता है । ऐसे क्रूर आतंकवादियों का समर्थन करने वाले भारत सहित विश्व के कट्टर मुसलमानों को धिक्कार होना चाहिए ! |