हमास का आक्रमण, फिलिस्तीन पर हुए अत्याचारों पर व्यक्त की गई प्रतिक्रिया ! – ‘मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड’ का समर्थन

  • जिहाद प्रेमी ‘मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड’ द्वारा जिहादी आतंकवादी संगठन ‘हमास’ के आक्रमण का समर्थन !

  • इजरायल को ‘आतंकवादी देश’ घोषित करने की भारत सरकार से मांग

नई देहली – मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने ‘हमास’ की ओर से किए जानेवाले आक्रमणों को ‘आतंकवादी आक्रमण’ कहा न जाए, वह एक ‘स्वाभाविक प्रतिक्रिया’ है’, ऐसा बताने का प्रयत्न किया । बोर्ड ने भारत सरकार से मांग की है कि, ‘इजरायलको ‘आतंकवादी देश’ घोषित किया जाए और फिलस्तीन को उनका देश लौटाने के लिए सहायता की जाए’ । इस संदर्भ में एक पत्र बोर्ड द्वारा सरकार को भेजा गया । बोर्ड ने मुसलमानों से आवाहन किया है कि वे फिलिस्तीन के नागरिकों के लिए प्रार्थना करें ।

(सौजन्य : IndiaTV) 

१. बोर्ड ने कहा है कि हमास का आक्रमण फिलिस्तीन के नागरिकों पर होनेवाले अत्याचार और यरूशलेम के अल् अक्स मस्जिद के अपमान की प्रतिक्रिया है । गाजा पट्टी पर आक्रमण कर इजरायल निरपराधियों की हत्या कर रहा है । संसार को इजरायल को आक्रमण करने से रोकना चाहिए, अन्यथा स्थिति और बिगड जाएगी ।

२. बोर्ड के अध्यक्ष रहमानी के नेतृत्व में बैठक का आयोजन किया गया । इसमें कहा गया कि नेहरू से लेकर अटलबिहारी वाजपेयी तक फिलिस्तीन के अधिकारों के लिए आवाज उठाया गया था; परंतु अब देश में मोदी सरकार आने पर फिलिस्तीन का समर्थन करना बंद हुआ है । (पुरानी चूकें यदि अब सुधारी जाती होंगी, तो यह उचित ही है ! – संपादक)

अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय में हमास के समर्थनार्थ रॅली निकालनेवालों पर कार्यवाही की जाए ! – भाजपा के सांसद सतीश गौतम की मांग

उत्तर प्रदेश के अलीगढ में अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के मुसलमान छात्रों ने ३ दिन पहले हमास के समर्थन में रॅली निकाली थी । इस विषय में भाजपा के सांसद सतीश गौतम ने राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मांग की है कि, ‘ऐसी घटनाओं के कारण विश्वविद्यालय का नाम अपकीर्त हो रहा है । इसलिए संबंधितों पर कार्यवाही की जाए ।’ (मूलत: ऐसी मांग करनी न पडे, इसलिए पुलिस को स्वयं ही कार्यवाही करनी चाहिए ! – संपादक)

संपादकीय भूमिका 

  • कश्मीरी हिन्दुओं पर मुसलमानों ने आक्रमण कर उनका जाति-संहार किया और उन्हें पलायन करने को बाध्य किया, तब हिन्दुओं ने मुसलमानों पर कौनसे अत्याचार किए थे ?, क्या हमास के आक्रमण का समर्थन करनेवाला मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड यह बता पाएगा ?
  • मस्जिद पर लगे भोपुओं से हिन्दुओं को उनकी संपत्ति और महिलाओं को छोडकर जाने की धमकी दी गई, उन हिन्दुओं ने कौनसे अत्याचार किए थे ? इन प्रश्नों के उत्तर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड क्यों नहीं देता ?
  • पिछले ३५ वर्ष भारत में जिहादी आतंकवादी आक्रमण कर हिन्दुओं की हत्या करनेवाले पाकिस्तान को ‘आतंकवादी देश’ घोषित करने की मांग कभी इस बोर्ड ने अथवा अन्य एक भी मुसलमान संगठन ने नहीं की, यह समझ लें !
  • पीडित हिन्दुओं ने अभी तक उनपर हुए जिहादी आक्रमण की ‘प्रतिक्रिया’ के रूप में कभी किसी पर आक्रमण नहीं किया !