सिंगापुर – भारतीय वंश के थर्मन षण्मुगरत्नम् सिंगापुर के राष्ट्राध्यक्ष बने । राष्ट्राध्यक्षपद के लिए हुए चुनावों में उन्होंने चीनी वंश के २ प्रत्याशियों (उम्मीदवारों) को पराभूत किया । थर्मन को ७०.४ प्रतिशत, एन्.जी. कोक संग को १५.७२ प्रतिशत और टैन किन लियान को १३.८८ प्रतिशत मत मिले । सिंगापुऱ के प्रधानमंत्री ली सिएन लूंग ने थर्मन का अभिनंदन किया । इस विजय के उपरांत थर्मन ने योग्य निर्णय लेने के लिए सिंगापुर के मतदारों का आभार माना । दूसरी ओर पराभव से संतप्त टैन किन लियान बोले, ‘सिंगापुर चुनाव में पुरानी पद्धति लागू करें, जिसमें राष्ट्रपति का चयन संसद करती है । (चीनी लोग भारत एवं भारतीय वंश के नागरिकों की सफलता कभी भी स्वीकार नहीं पाएंगे, यही इससे ध्यान में आता है ! – संपादक)
भारतीय मूल के थर्मन शनमुगरत्नम बने सिंगापुर के 9वें राष्ट्रपति।
चीनी मूल के 2 विरोधियों को हराया , 70 फीसदी वोटों से जीता चुनाव।
प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई। pic.twitter.com/Dwkt1itz0Z
— Panchjanya (@epanchjanya) September 2, 2023
थर्मन अध्यक्षपद के लिए जनता द्वारा चुने गए पहले भारतीय, तो सिंगापुर के भारतीय वंश के तीसरे राष्ट्रपति हैं । वर्ष १९८१ में संसद द्वारा चुनकर आए देवेन नायर राष्ट्रपति हुए । एस्.आर्. नाथन ने वर्ष १९९९ से २०११ तक, अर्थात ११ वर्ष राष्ट्राध्यक्ष के रूप में कार्य संभाला । उनका बिनविरोध (unopposed) चयन हुआ था । वर्ष १९९१ से सामान्य जनता मतदान द्वारा राष्ट्रपति का चयन करती है ।
थर्मन षण्मुगरत्नम् कौन हैं ?
थर्मन का जन्म २५ फरवरी १९५७ को सिंगापुर में हुआ । उनके दादाजी तमिळनाडु से सिंगापुर में स्थायी हो गए थे । थर्मन के पिता प्रा. के. षण्मुगरत्नम् चिकित्सा वैज्ञानिक थे । उन्हें सिंगापुर में पैथोलॉजी के जनक माना जाता है । थर्मन की पत्नी जेन इटोगी चीनी-जापानी वंश की हैं । इस दंपति के एक पुत्री और ३ पुत्र हैं । पुत्री का नाम माया है । पुत्रों के नाम कृष्णा, अर्जुन और आकाश है ।