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बेंगळुरू (कर्नाटक) –‘चंद्रयान-३’के ‘विक्रम’ लैंडर पर बिठाए गए ‘इंस्ट्रुमेंट ऑफ लुनार सिस्मिक एक्टिविटी’ (आइ.एल्.एस्.ए.) उपकरण ने चंद्र के पृष्ठभाग पर कंपनों की प्रविष्टी की है । यह भूकंप हो सकता है, इस दृष्टि से इस्रो कंपनों के पीछे के कारणों का शोध कर रहा है ।
Chandrayaan-3 Mission:
In-situ Scientific ExperimentsRadio Anatomy of Moon Bound Hypersensitive Ionosphere and Atmosphere – Langmuir Probe (RAMBHA-LP) payload onboard Chandrayaan-3 Lander has made first-ever measurements of the near-surface Lunar plasma environment over the… pic.twitter.com/n8ifIEr83h
— ISRO (@isro) August 31, 2023
१. ‘इस्रो’ने ट्वीट कर जानकारी दी कि चंद्रयान-३ के विक्रम लैंडर पर आइ.एल.एस्.ए. उपकरण ‘मायक्रो इलेक्ट्रो मेकैनिकल सिस्टम’ (एम्.इ.एम्.एस्.) तंत्रज्ञान पर आधारित है । चंद्र के पृष्ठभाग पर ऐसे उपकरण भेजने का यह पहला अवसर है । इस उपकरण ने चंद्र पर कंपनों की प्रविष्टी की है ।
Chandrayaan-3 Mission:
In-situ scientific experiments continue …..
Laser-Induced Breakdown Spectroscope (LIBS) instrument onboard the Rover unambiguously confirms the presence of Sulphur (S) in the lunar surface near the south pole, through first-ever in-situ measurements.… pic.twitter.com/vDQmByWcSL
— ISRO (@isro) August 29, 2023
२. प्रज्ञान रोवर ने दूसरी बार चंद्र पर सल्फर होने की पुष्टि की है । इस्रो ने कहा है कि हम अब ढूंढ रहे हैं कि चंद्र पर सल्फर कहां से आया ? आंतरिक, ज्वालामुखी अथवा उल्का?