इंफाल (मणिपुर) – मणिपुर में पिछले ४ माह से हिंसा चालू है । संसद में भी इस पर शोर-शराबा हुआ । अब मणिपुर का विभाजन कर अलग ‘कुकीलैंड’ राज्य स्थापित किए जाने की मांग ईसाई धर्म को मानने वाले कुकी समाज की ओर से की जा रही है । ‘मैतई समाज के साथ रहना हमारे लिए मृत्यु समान है’, ऐसा कुकी समाज का कहना है । मैतेई समाज हिन्दू धर्म को मानने वाला है । मणिपुर की कुल जनसंख्या २८ लाख ५० सहस्र है, जिनमें ३०% कुकी नागरिक हैं ।
मणिपुर में जातीय हिंसा जारी है। लोग रिलीफ कैंपों से घर लौटना चाहते हैं, पर कुकी लोगों का कहना है कि मैतेई के साथ रहना मौत के समान है। इसीलिए मणिपुर में एक अलग कुकीलैंड राज्य की मांग जोर पकड़ रही है। #Manipur
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१. वर्ष १९७२ में मणिपुर पूर्ण राज्य बनने के उपरांत वर्ष १९८० में स्वतंत्र कुकीलैंड की मांग की गई । उसे समय कुकी और झोमी विद्रोहियों की पहले सबसे बडे संगठन ‘कुकी नेशनल ऑर्गेनाइजेशन’ की स्थापना हुई ।
२. वर्ष २०१२ में ‘तेलंगाना’ राज्य की मांग स्वीकार होने वाली है, यह पता चलते ही ‘कुकी राज्य मांग समिति’ इस संगठन ने ‘कुकीलैंड’ के लिए आंदोलन करने की घोषणा की । तभी से यह संगठन समय-समय पर हडताल और बंद का आवाहन मणिपुर में माल यातायात रोकने के लिए कर रहा है ।
३. मणिपुर २२ सहस्र ३२७ चौरस किलोमीटर क्षेत्र में फैला है । जिसमें से ६०% से अधिक, अर्थात १२ सहस्र ९५८ चौरस किलोमीटर क्षेत्र में कुकीलैंड बनाए जाने की मांग इस संगठन ने की है ।