राष्ट्रीय वैद्यकीय आयोग के नए नियम !
नई देहली – राष्ट्रीय वैद्यकीय आयोग के कठोर नियमों के कारण कोई भी डॉक्टर औषधि निर्मिति करनेवाले आस्थापनों से संबंधित अथवा इन आस्थापनों द्वारा प्रायोजित की हुई परिषद, कार्यशाला आदि में सम्मिलित नहीं हो सकता । यदि डॉक्टर इनमें सम्मिलित हुए, तो उनकी अनुज्ञप्ति (लाइसेंस) ३ माह के लिए निरस्त कर दी जाएगी ।
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— Zee News (@ZeeNews) August 21, 2023
१. आयोग ने धारा ३५ अनुसार डॉक्टर अथवा उनके कुटुंबियों के औषधि निर्मिति करनेवाले आस्थापनों अथवा उनके प्रतिनिधियों से मानधन अथवा समुपदेशन शुल्क (काउंसलिंग फी) लेने पर भी प्रतिबंध लगाया है । इसके साथ ही नए नियमानुसार डॉक्टरों द्वारा जेनेरिक औषधियां लिखकर देना भी अनिवार्य किया गया है ।
२. इंडियन मेडिकल असोसिएशन द्वारा इन नियमों का विरोध किया है । इस पर केंद्रीय स्वास्थ्यमंत्री मनसुख मंडाविया ने एक बैठक आयोजित की है ।
३. इससे पूर्व मेडिकल ‘काउंसिल ऑफ इंडिया’ने वर्ष २०१० में डॉक्टर एवं उनके कुटुंबियों को औषधि निर्मिति करनेवाले आस्थापनों द्वारा भेटवस्तु लेना, यात्रा के लिए सुविधा लेने आदि पर प्रतिबंध लगाया था ।