नूंह में हुई हिंसा प्रकरण में २५ रोहिंग्या मुसलमानों को बंदी बनाया !

रोहिंग्या मुसलमानों के रहने की झोपडियां गिराई !

नूंंह (हरियाणा) – ३१ जुलाई के दिन हुई हिंसा में हरियाणा पुलिस ने २५ रोहिंग्या मुसलमानों को बंदी बनाया है । उनके विरोध में २० अपराध प्रवेश किए गए हैं । वर्ष २०१७ में म्यानमार में हुई हिंसा के कारण ये रोहिंग्या पलायन कर भारत में आए । भारत के विविध प्रांतों से उन्होंने नूंह में आश्रय लिया, ऐसी जानकारी पुलिस ने दी है ।

१. स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में लगभग २ सहस्र रोहिंग्या मुसलमान नूंह में रह रहे हैं । हिंसा में कुछ रोहिंग्या मुसलमान सक्रिय हुए होंगे, ऐसी जानकारी मिलने की बात पुलिस ने बताई ।

२. जिले के तवाडू में पुलिस ने २५० झोपडियां गिरा दी हैं, जिनमें प्रमुखता से रोहिंग्या मुसलमान रहते थे । इन सभी का पहले से ही विविध अपराधों में सहभाग था । ३१ जुलाई की हिंसा में भी वे सहभागी थे । इसी कारण यह कार्यवाही करने के लिए पुलिस ने कहा ।

३. नूंह के नवनियुक्त पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बीजरानिया ने बताया कि, रोहिंग्या मुसलमानों के शरणार्थी के रुप में बने कागजात हम देख रहे हैं । उनके पास संयुक्त राष्ट्र का ‘शरणार्थी कार्ड’ होने की बात कही जा रही है । उसकी भी सत्यता की जांच की जाएगी ! (शरणार्थी कार्ड हो अथवा न हो, वे हिंसा में सहभागी होंगे, तो उन्हें अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार कठोर दंड मिलना चाहिए और उन्हें अपने देश वापस भेजना चाहिए ! – संपादक)

संपादकीय भूमिका 

शरणार्थी बनकर दूसरे देशों में आश्रय लेने वाले शरणार्थी उस देश में हिंसा करते हैं यह बात कुछ नई नहीं। फ्रांस, जर्मनी, इंग्लैंड, अमेरिका यहां भी ऐसी ही स्थिति है । ऐसे ‘गरीब’ मुसलमानों की झोपडियां गिराए जाने पर चिल्लाने वाले असदुद्दीन ओवैसी अब एक भी शब्द नहीं बोलेंगे, यह भी उतना ही सत्य है !