विद्यालयों में स्मार्टफोन पर प्रतिबंध लगाएं !

यूनेस्को की सिफारिश

(यूनेस्को अर्थात संयुक्त राष्ट् शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संस्था)

नई देहली – पढाई में व्यत्यय टालना, पढाई में सुधार करने हेतु एवं बच्चों के सायबर अपराधों से सुरक्षा हेतु विद्यालयों में स्मार्टफोन पर प्रतिबंध लगाएं, ऐसी सिफारिश ‘यूनेस्को’ने अर्थात संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संस्था द्वारा उनका वर्ष २०२३ के ‘ग्लोबल एज्युकेशन मॉनिटर’ इस ब्योरे से की है ।

१. यूनेस्को का कहना है कि अनेक विद्यालयों से आज ऑनलाईन शिक्षा दी जाती है । अनेक विद्यापीठों में भी यह ऑनलाईन शिक्षा की सुविधा की गई है; परंतु इस सुविधा के कारण विद्यार्थियों की हानि हो रही है । विकास की दृष्टि से किए गए नए प्रयोग सदैव अच्छे ही होते हैं, ऐसा नहीं है । प्रत्येक परिवर्तन से प्रगति साधी ही जाती है, ऐसा नहीं ! कुछ तो नया करना आवश्यक है, इसलिए वह करना ही चाहिए, ऐसा कदापि नहीं है । भ्रमणभाष संच का अतिरिक्त उपयोग होने से शैक्षिक कामगिरी मंद हो जाती है । सतत भ्रमणभाष देखते रहने से बच्चों की भावनिक स्थिरता पर नकारात्मक परिणाम होता है । परिणामस्वरूप बच्चे चिडचिडे और गुस्सैल बनते हैं, ऐसा निष्कर्ष भी यूनेस्को का है ।

२. यूनेस्को के महासंचालक ऑड्रे अजौले ने कहा, ऑनलाईन शिक्षा देते समय शिक्षा का सामाजिक परिणामों की अनदेखी न करें । डिजिटल क्रांति में अतुलनीय क्षमता है; परंतु समाज में उसका नियमन नहीं किया जाता । ‘शिक्षाक्षेत्र में डिजिटल क्रांति का कैसे उपयोग किया जाता है’, इस ओर ध्यान देना आवश्यक है । शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल क्रांति विद्यार्थियों के विकास के लिए होनी चाहिए । यह परिवर्तन विद्यार्थियों के लिए धोकादायी न हो । सर्वप्रथम विद्यार्थिंयों की आवश्यकता ध्यान में रखें । ऑनलाईन सुविधा, शिक्षक एवं विद्यार्थियों में संवाद हेतु विकल्प न हो । चीन में शिक्षा क्षेत्र में डिजिटल क्रांति भले ही हुई है, तब भी वहां मर्यादा निश्चित की गई है । वहां कुल समय में केवल ३० प्रतिशत ही शिक्षा डिजिटल माध्यम से दी जाती है ।

संपादकीय भूमिका 

स्मार्टफोन के कारण बच्चों पर होनेवाले दुष्परिणाम को देखते हुए अभिभावकों को इसकी ओर गंभीरता से ध्यान देकर अपने बच्चों को उससे दूर रखना आवश्यक !