हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु होनेवाले संघर्ष के लिए ईश्वर की उपासना कर आत्मबल बढाएं !

‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ अर्थात एकादश ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ के उपलक्ष्य में सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी का संदेश

‘हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के उद्देश्य से एकत्रित हुए हिन्दू राष्ट्रवीरों को मेरा नमस्कार !

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना का काल अब निकट आ रहा है । रामराज्य की स्थापना करने के लिए मर्यादापुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम को भी हाथ में धनुष लेकर युद्ध करना पडा । उसके उपरांत ही रामराज्य साकार हुआ । अतएव कोई इस भ्रम में न रहे कि हिन्दू राष्ट्र सहज साकार होगा । धर्मसंस्थापना के कार्य में सूक्ष्म आयाम की दैवी शक्तियां सहायता करती हैं । उसी प्रकार सूक्ष्म आयाम की अनिष्ट शक्तियां विरोध भी करती हैं । स्थूल से हिन्दू राष्ट्र-स्थापना की मांग का हो रहा विरोध, इसका जीता-जागता प्रमाण है । भविष्य में इन हिन्दू राष्ट्र विरोधियों से संघर्ष अटल है । संघर्ष के बिना जहां देश को स्वतंत्रता भी नहीं मिली थी, तो हिन्दू राष्ट्र कैसे मिलेगा ? इसके लिए आज से सभी प्रकार की तैयारी करनी होगी । संघर्ष के लिए ईश्वर की उपासना से उत्पन्न आत्मबल की आवश्यकता होती है । आत्मबल के लिए प्रत्येक व्यक्ति को साधना अर्थात ईश्वर की उपासना करनी चाहिए । कालमहिमा के अनुसार वर्ष २०२५ के उपरांत हिन्दू राष्ट्र निश्चित साकार होगा; परंतु इस काल में ईश्वर की उपासना करने से तथा हिन्दू राष्ट्र को साकार करने के लिए किए निष्काम कर्म से आप सभी की आध्यात्मिक उन्नति होगी ।

आप सभी हिन्दू राष्ट्रवीरों को हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के कार्य हेतु भक्ति करने की बुद्धि तथा देवताओं की शक्ति प्राप्त हो, इसके लिए मैं भगवान श्रीकृष्ण के चरणों में प्रार्थना करता हूं !’  – (सच्चिदानंद परब्रह्म) डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक, सनातन संस्था. (२५.५.२०२३)