श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) – कश्मीर में पथराव की घटना शून्य हुई है, पुलिस के आंकडों से ऐसी जानकारी सामने आई है । इस वर्ष अबतक पथराव की एक भी घटना नहीं हुई है, गत वर्ष पथराव की केवल ५ घटनाएं हुई थीं ।
भारतीय गुप्तचर संस्था के (‘आइबी’ के) एक विवरण के अनुसार पाकिस्तान की आइ.एस.आइ. गुप्तचर संस्था ने कश्मीर के आक्रमणकारियों को वर्ष २००९ के उपरांत ८०० करोड रुपए से अधिक रसद की आपूर्ति की थी । इसीलिए वर्ष २०१६ में श्रीनगर में कुछ संगठनों की स्थापना की गई । पाकिस्तान से आक्रमण करनेवाले आतंकवादी एवं उनको नियंत्रित करनेवालों द्वारा कश्मीर घाटी में धन की आपूर्ति की जाती थी । यहां अलगाववादी नेता एवं भूमिगत कार्यकर्ताओं के माध्यम से पथराव करनेवाले युवकों का विभाजन किया जाता था ।
(सौजन्य : The News India)
पथराव रोकने के लिए तंत्र ने किए प्रयास !
१. राष्ट्रीय अन्वेषण तंत्र, पुलिस एवं अन्य संस्थाओं द्वारा पथराव के विरुद्ध कठोर नीति अपनाई गई ।
२. सरकार की वित्त संस्थाओं ने ‘हवाला’ एवं विदेशी रसद पूर्ति को रोका ।
३. युवकों ने धार्मिक कट्टरवाद से दूर ले जाने के प्रयास किए ।
४. पथराव करनेवालों को आगरा, तिहाड एवं अन्य राज्यों के कारागृह में भेजा गया ।
संपादकीय भूमिकाअभिनंदनीय है कि पथराव की एक भी घटना नहीं हुई है, परंतु इससे आगे बढकर कश्मीर की जिहादी मानसिकता नष्ट करने का प्रयास हो, तो वहां का आतंकवाद जड से समाप्त होगा ! |