जनहित याचिका पर गुजरात सरकार के उच्च न्यायालय में प्रतिपादन !
कर्णावती (गुजरात) – मस्जिदों पर लगे भोंपुओं की आवाज पर नियंत्रण रखने के लिए गंंभीरता से प्रयत्न किया जा रहा है । औद्योगिक, निवासी एवं अन्य क्षेत्रों के ध्वनि के संदर्भ में नियमों को कठोरता से कार्यवाही होने के लिए संबंधित विभाग को आदेश दिया गया है, ऐसी जानकारी गुजरात सरकार के उच्च न्यायालय में जनहित याचिका पर सुनवाई के समय दी । डॉ. धर्मेंद्र प्रजापति द्वारा प्रविष्ट की हुई इस याचिका में मस्जिदों के भोपुओं पर बंदी लगाने की मांग की गई है ।
‘लाउडस्पीकरों के उपयोग को विनियमित करने के लिए गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं’: मस्जिदों में लाउडस्पीकरों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने की जनहित याचिका पर गुजरात सरकार ने हाईकोर्ट को बताया #GujaratHighCourt #PILs https://t.co/TU0tDFFYFV
— Live Law Hindi (@LivelawH) June 20, 2023
१. राज्य के गृह विभाग के अतिरिक्त सचिव निखिल भट्ट ने सरकार की ओर से न्यायालय में कहा कि भोंपुओं के उपयोग के लिए एक समय की अनुमति दी जा सकती है । ध्वनिप्रदूषण पर नियंत्रण रखने के लिए यंत्रणा निर्माण की गई है । हमने ध्वनिप्रदूषण की मर्यादा निर्धारित करने के लिए अभियान चलाना प्रारंभ किया है ।
२. गांधीनगर की जकारिया मस्जिद के विरोध में परिवाद किया गया है । इस विषय में सरकार ने बताया कि अधिकारियों ने गांधीनगर में जाकर इस मस्जिद का निरीक्षण किया । इन अधिकारियों ने बताया कि नमाजपठन के समय मस्जिद के भोंपुओं के उपयोग के समय कोई भी अयोग्य कृति नहीं हुई ।
संपादकीय भूमिकालोगों को मस्जिदों के भोंपुओं पर बंदी लगाने के लिए जनहित याचिका प्रविष्ट करनी पडती है, इसका अर्थ है कि इन भोंपुओं से ध्वनिप्रदूषण हो रहा है । मूलत: लोगों को जनहित याचिका क्यों प्रविष्ट करनी पडती है, जबकि वास्तव में सरकार को ही इस पर ध्यान देकर उसे रोकना आवश्यक था ? |