समान नागरिक कानून पर ‘जमियत उलेमा-ए-हिंद’ के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी के पेट में दर्द !
(मौलाना अर्थात इस्लामी अभ्यासक)
नई देहली – ‘हम समान नागरिक कानून का विरोध करेंगे; परंतु सडकों पर नहीं उतरेंगे । इस कानून का हेतु मुसलमानों से दूरी निर्माण करना तथा उनको अलग करना है । किसी भी सरकार ने नहीं दिया, ऐसा घाव वर्तमान सरकार ने मुसलमानों को दिया है’, ऐसा विधान कऱ ‘जमियत उलेमा-ए-हिंद’ के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने विषवमन किया । केंद्रशासन द्वारा ‘समान नागरिक कानून’ के संदर्भ में जनता का मत मांगे जानेपर वह बोल रहे थे ।
‘आम्ही विरोध करणार, पण रस्त्यावर उतरणार नाही’; UCC वर अर्शद मदनी म्हणाले, स्वातंत्र्यापासून कुण्या सरकारने…#ArshadMadanihttps://t.co/2Twb1V1hG6
— Lokmat (@lokmat) June 18, 2023
मदनी ने आगे कहा, ‘‘समान नागरिक कानून के सूत्र पर हम सडकों पर नहीं उतरेंगे; क्योंकि हमने ऐसा किया तो, हमारे विरोधियों का जो हेतु है, वह सफल हो जाएगा, परंतु हम ऐसा नहीं चाहते । (अन्य समय मुसलमानों के विरोध में हुई छोटी सी बात पर भी, उन्हें भडकानेवाले मदनी के इस वक्तवय पर कोई बच्चा भी विश्वास करेगा क्या ? – संपादक) राजनैतिक दल भी मानते हैं कि यह सरकार का राजनैतिक खेल होने के कारण इसमें कोई तथ्य नहीं है ।’’
संपादकीय भूमिकाप्रत्येक नागरिक को न्याय अधिकार देनेवाला ‘समान नागरिक कानून’ न होने के कारण पिछले ७५ वर्षों में हिन्दुओं पर जो अत्याचार हुए, उस विषय में मदनी क्यों नहीं बोलते ? |