(इनकी सुनिए….) ‘जो इससे पूर्व किसी भी सरकार ने नहीं दिया, ऐसा घाव वर्तमान सरकार ने मुसलमानों को दिया है !’

समान नागरिक कानून पर ‘जमियत उलेमा-ए-हिंद’ के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी के पेट में दर्द !

(मौलाना अर्थात इस्लामी अभ्यासक)

मौलाना अरशद मदनी

नई देहली – ‘हम समान नागरिक कानून का विरोध करेंगे; परंतु सडकों पर नहीं उतरेंगे । इस कानून का हेतु मुसलमानों से दूरी निर्माण करना तथा उनको अलग करना है । किसी भी सरकार ने नहीं दिया, ऐसा घाव वर्तमान सरकार ने मुसलमानों को दिया है’, ऐसा विधान कऱ ‘जमियत उलेमा-ए-हिंद’ के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने विषवमन किया । केंद्रशासन द्वारा ‘समान नागरिक कानून’ के संदर्भ में जनता का मत मांगे जानेपर वह बोल रहे थे ।

मदनी ने आगे कहा, ‘‘समान नागरिक कानून के सूत्र पर हम सडकों पर नहीं उतरेंगे; क्योंकि हमने ऐसा किया तो, हमारे विरोधियों का जो हेतु है, वह सफल हो जाएगा, परंतु हम ऐसा नहीं चाहते । (अन्य समय मुसलमानों के विरोध में हुई छोटी सी बात पर भी, उन्हें भडकानेवाले मदनी के इस वक्तवय पर कोई बच्चा भी विश्वास करेगा क्या ? – संपादक) राजनैतिक दल भी मानते हैं कि यह सरकार का राजनैतिक खेल होने के कारण इसमें कोई तथ्य नहीं है ।’’

संपादकीय भूमिका 

 प्रत्येक नागरिक को न्याय अधिकार देनेवाला ‘समान नागरिक कानून’ न होने के कारण पिछले ७५ वर्षों में हिन्दुओं पर जो अत्याचार हुए, उस विषय में मदनी क्यों नहीं बोलते ?