रामनाथी : कुछ दिन पूर्व कर्नाटक में सत्तापरिवर्तन हुआ । अब वहां कांग्रेस सत्ता में आई है । निवर्तमान भाजपा की सरकार ने राज्य में कुछ नए कानून लाए थे; परंतु उन कानूनों का प्रत्यक्ष क्रियान्वयन करने में वह सरकार अल्प सिद्ध हुई थी । कांग्रेस ने सत्ता में आते ही क्रमिक पुस्तकों से वीर सावरकर एवं डॉ. हेगडेवारजी के पाठ हठाने का निर्णय लिया, साथ ही धर्मांतरणविरोधी कानून वापस लेने की घोषणा की । इस सरकार ने अंधविश्वास निर्मूलन कानून का कठोर क्रियान्वयन करने की भी घोषणा की है । राज्य सरकार ने हिन्दू राष्ट्र के विषय में बुलाई गई बैठक की भी अनुमति नहीं दी । राज्य सरकार के इन हिन्दूविरोधी निर्णयों के विरुद्ध लडाई लडने के लिए हिन्दू विधिज्ञ परिषद तैयार है । कर्नाटक के हिन्दू धर्मप्रेमियों की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं । हिन्दू विधिज्ञ परिषद के उपाध्यक्ष अधिवक्ता अमृतेश एन्.पी. ने ऐसा प्रतिपादित किया । यहां चल रहे वैश्विक हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन के तीसरे दिन (१८.६.२०२३) को आयोजित सत्र में वे ऐसा बोल रहे थे ।
अधिवक्ता अमृतेश ने आगे कहा कि वकालत एक प्रतिष्ठित एवं समाजाभिमुख व्यवसाय है । सांप्रदायिक, सामाजिक इत्यादि विषयों पर अधिवक्ता अच्छी सूचनाएं कर सकते हैं । धार्मिक अधिकार संरक्षण कानून, गोवंशहत्याविरोधी कानून इत्यादि कानूनों की रक्षा के लिए हिन्दू विधिज्ञ परिषद निरंतर कार्यरत रहनेवाली है ।