इस्रो के दिशादर्शक उपग्रह का सफल प्रक्षेपण

श्रीहरिकोटा (आंध्रप्रदेश) – भारत ने २९ मई को ‘एनवीएस-०१’ यह दिशादर्शक उपग्रह प्रक्षेपित किया। यहां कैप्टन सतीश धवन प्रक्षेपण केंद्र से इस्रो ने जी.एस्.एल्.वी. (जिओसिंक्रोनस लाँच वेईकल) एफ् १२ प्रक्षेपक द्वारा यह उपग्रह अंतराल में प्रक्षेपित किया । एनवीएस्-०१ उपग्रह आइ.आर्.एन्.एस्.एस्.-१जी नामक उपग्रह का स्थान लेनेवाला है । इस उपग्रह का उपयोग भारतीय उपखंड में संरक्षण क्षेत्र एवं नागरी उपयोग के लिए दिशादर्शक के रूप में होनेवाला है । स्वदेशी बनावट की यह दिशादर्शक प्रणाली अमेरिका के जी.पी.एस्.समान काम करनेवाली है । इससे पूर्व भी एनवीएस-०१ समान ६ उपग्रह अवकाश में प्रक्षेपित किए गए हैं ।

उपग्रह के प्रक्षेपण के उपरांत इस्रो के अध्यक्ष एस्. सोमनाथ ने इस विषय में सभी का अभिनंदन किया है । उन्होंने आगे कहा, भारतीय अंतरालवीर अवकाश में भेजनेवाली महत्त्वाकांक्षी ‘गगनयान’ परीक्षण मुहिम भी शीघ्र ही संपन्न होगी ।

अमेरिका द्वारा सहायता नकारने के कारण भारत ने बनाया उपग्रह !

वर्ष १९९९ में कारगिल युद्ध के समय भारत की सीमा में घुसपैठ करनेवाले पाकिस्तानी सैनिकों की स्थिति समझने के लिए भारत सरकार ने अमेरिका से सहायता मांगी थी; परंतु अमेरिका ने जी.पी.एस्. सहायता नकार दी । तदुपरांत इस संदर्भ में भारत ने अपनी उपग्रह प्रणाली बनानी आरंभ कर दी । भारत ने ‘निवगेशन विथ इंडियन कॉन्स्टेलेशन’ (NavIC) नामक प्रादेशिक दिशादर्शक उपग्रह प्रणाली विकसित की है ।