रा.स्व. संघ से संलग्न महिला शाखा द्वारा सर्वेक्षण
नई देहली – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की महिला शाखा से संलग्न ‘संवर्धिनी न्यास’ ने समलिंगी विवाह संबंधी एक सर्वेक्षण किया है । इस निरिक्षण में ऐसा उल्लेख है कि समलिंगी विवाह, एक विकार है । इसमें देशभर से ३१८ विशेषज्ञों के अभिमत लिए गए हैं । इसमें आधुनिक विज्ञान से लेकर आर्युर्वेद तक की ८ विविध उपचार पद्धतियों के अध्ययनकर्ताओं का समावेश है । इन विशेषज्ञों का कहना है कि ‘समलैंगिकता एक विकृति है और इस विवाह को मान्यता देने पर इस विकृति में वृद्धि होगी । वर्तमान में सर्वोच्च न्यायालय में समलिंगी विवाह के प्रकरण की सुनवाई शुरू है ।
#Homosexuality a 'disorder', will increase if…: #RSS body survey amid SC's same-sex marriage hearing https://t.co/nfBOWZ3CfV
— IndiaToday (@IndiaToday) May 6, 2023
१. सर्वेक्षण के अनुसार लगभग ७० प्रतिशत डॉक्टर एवं विशेषज्ञ समलैंगिकता को विकार मानते हैं, तो ८३ प्रतिशत लोगों का कहना है कि समलिंगी संबंधों के कारण लैंगिक रोग बढ सकते हैं । ६७ प्रतिशत से अधिक डॉक्टरों को लगता है कि समलिंगी अभिभावक अपने बच्चों का उचित ढंग से पालन-पोषण नहीं कर सकते ।
समलैंगिकता एक रोग, विवाह को मिली कानूनी मान्यता तो समाज में यह और बढ़ेगा, RSS के सर्वे में डॉक्टरों का दावा#RSS #Survey #Homosexuality @RSSorg https://t.co/8Tz0V1tBfS pic.twitter.com/RqG1JA4b9D
— Dainik Jagran (@JagranNews) May 6, 2023
२. इस सर्वेक्षण के अनुसार समलिंगी दंपतियों को ‘मानसिक रोगी’ हैं । इन विवाहों को कानूनी मान्यता देने पर रोगी ठीक नहीं होंगे, तो समाज में विकृति कितने वेग से बढेगी । इसप्रकार के मानसिक विकार से ग्रस्त रोगी समुपदेशन (काउंसलिंग) से ठीक हो सकते हैं । समलैंगिकता के प्रकरण में कोई भी निर्णय लेने से पहले जनमत लेना चाहिए ।