खालिस्तानियों ने पी.टी.आइ. के भारतीय पत्रकार की पिटाई की !

वॉशिंग्टन (अमेरिका) यहां भारतीय दूतावास के बाहर खालिस्तानियों का आंदोलन

खालिस्तानी समर्थक भारतीय पत्रकार को अपशब्द बोलते हुएं

वॉशिंग्टन डीसी (अमेरिका) – ‘प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया’ के (पी.टी.आइ. के) पत्रकार ललित झा ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि यहां भारतीय दूतावास के बाहर खालिस्तानियों द्वारा किए गए आंदोलन का वार्तांकन करनेवाले को स्वयं खालिस्तानियों ने पीटा । उन्होंने एक वीडियो प्रसारित किया है, जिसमें २ खालिस्तानी समर्थक वहां अपशब्द बोलते (गाली-गलौज करते) दिखाई देते हैं ।

झा ने कहा है, ‘खालिस्तान समर्थकों ने मेरे बायें कान पर लाठी से २ प्रहार किए । इस घटना से मुझे अमेरिका के ११ सितंबर २००१ के आतंकी आक्रमण का स्मरण हुआ । मैं भयभीत होकर पुलिस के वाहन की ओर भागा ।’ ट्वीट में उन्होंने पुलिसकर्मियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि आपने मुझे बचाया, अन्यथा यह संदेश मैंने चिकित्सालय से लिखा होता । झा ने आक्रमणकारियों के विरुद्ध परिवाद प्रविष्ट न करने का निर्णय लिया है ।

इस संदर्भ में वॉशिंग्टन के भारतीय दूतावास द्वारा कहा गया है कि वॉशिंग्टन डीसी में खालिस्तानी आंदोलन का वृत्तांकन करने गए प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के वरिष्ठों से किए गए अनुचित वर्तन का वीडियो हमने देखा है । हमें ज्ञात हुआ है कि पत्रकार को अपशब्द बोलकर  पिटाई की गई । उनकी सुरक्षा के लिए कानूनी कार्रवाई करनेवाले तंत्र को सचल दूरभाष करना पडा । पत्रकार पर हुए आक्रमण का हम निषेध कर रहे हैं । ऐसी गतिविधियां तथाकथित खालिस्तानी समर्थकों की हिंसक एवं समाज विरोधी मानसिकता का प्रदर्शन करती हैं, जो नियमितरूप से हिंसा एवं तोडफोड करते हैं ।

संपादकीय भूमिका 

स्‍वयं को महासत्ता समझनेवाली अमेरिका में गिने-चुने खालिस्तानी भारत के दूतावास के बाहर प्रदर्शन करते हैं, साथ ही पत्रकार की पिटाई भी करते हैं, यह अमेरिका के लिए लज्जाजनक ! यदि अमेरिका के पत्रकार को भारत में किसी ने पीटा होता, तो अमेरिका ने आकाश-पाताल एक कर दिया होता !

(इनकी सुनिए…) ‘आप अल्पसंख्यकों को मारते हैं !’ – खालिस्तानी

खालिस्तानी आंदोलनकारियों ने आंदोलन के समय भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह संधू की आलोचना की । खालिस्तानियों ने कहा, ‘यह संदेश भारत सरकार एवं उनके राजदूत तरनजीत सिंह संधू के लिए है, जो मुक्त विश्व में आंतकवादी कूटनीति का चेहरा है । हम उनको स्मरण करवा रहे हैं कि आप अल्पसंख्यकों को मारते हैं, ईसाई महिलाओं का बलात्कार करते हैं एवं निरपराध सिक्ख, मुसलमान, एवं नागालैंड के लोगों को मारते हैं तदनंतर यहां आकर कहते हैं कि हम विश्व के सबसे बडे लोकतंत्र हैं’ । यह पूर्णतया अस्वीकार्य है । अब यह पाखंड समाप्त करने का समय आ गया है ।’’

संपादकीय भूमिका 

इसको कहते हैं, ‘चोरी, ऊपर से सीनाजोरी !’ यदि भारत के बहुसंख्यकों ने अल्पसंख्यकों को पीटा होता, तो भारत में अल्पसंख्यक दिखाई भी नहीं देते; परंतु देश के ९ राज्यों में हिन्दू अल्पसंख्यक हो गए हैं तथा वहां हिन्दुओं पर अत्याचार हो रहे हैं । इतना ही नहीं, अपितु जहां हिन्दू बहुसंख्यक हैं, वहां भी हिन्दुओं की पिटाई हो रही है !

सैनफ्रांसिस्को के वाणिज्य दूतावास के बाहर भारतीय नागरिकों द्वारा शांति फेरी !

सैनफ्रांसिस्को (अमेरिका) – गत सप्ताह यहां के भारतीय वाणिज्य दूतावास पर खालिस्तानियों द्वारा किए गए आक्रमण की घटना के पश्चात २६ मार्च को यहां के भारतीय नागरिकों ने दूतावास के सामने एकत्रित होकर शांति फेरी निकाली । इस समय उन्होंने भारतका राष्ट्रध्वज भी फहराया ।