बैटरी निर्मिति हेतु लगनेवाली महत्त्वपूर्ण धातु !
(‘लीथियम’ अर्थात ‘नॉन-फेरस मेटल’ – अलोह धातु)
नई देहली – जम्मू और कश्मीर के रियासी क्षेत्र में ५९ लाख टन ‘लीथियम’ (‘नॉन-फेरस मेटल’ – अलोह धातु) का भंडार मिला है । भारत में पहली बार लीथियम का भंडार मिला है । लीथियम का उपयोग भ्रमणभाष, भ्रमणसंगणक, इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी एवं अन्य उपकरण चार्ज करने योग्य बैटरी निर्मिति हेतु किया जाता है । यह एक दुर्लभ धातु है । इसकारण भारत अब तक चीन और अन्य देशों पर निर्भर था । अब भारत को यह भंडार मिलने से उसका अन्य देशों पर निर्भर रहना अल्प होगा।
Geological Survey of India has for the first time established 5.9 million tonnes inferred resources (G3) of lithium in Salal-Haimana area of Reasi District of Jammu & Kashmir (UT).@GeologyIndia
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— Ministry Of Mines (@MinesMinIndia) February 9, 2023
भारत में लीथियम का उत्पादन अल्प है । वर्ष २०२० में लीथियम आयात के संदर्भ में भारत विश्व में चौथे क्रमांक पर था । भारत लीथियम बैटरी में से ८० प्रतिशत बैटरी चीन से आयात करता है । इस क्षेत्र में स्वावलंबी होने हेतु भारत अर्जेंटीना, चिली ऑस्ट्रेलिया और बोलिविया जैसे लीथियम समृद्ध देश की खदानों में हिस्सा खरीदने के प्रकल्प पर काम कर रहा है ।