देश में पहली बार मिला ५९ लाख टन ‘लीथियम’का भंडार  !

बैटरी निर्मिति हेतु लगनेवाली महत्त्वपूर्ण धातु !

(‘लीथियम’ अर्थात ‘नॉन-फेरस मेटल’ – अलोह धातु)

नई देहली – जम्मू और कश्मीर के रियासी क्षेत्र में ५९ लाख टन ‘लीथियम’ (‘नॉन-फेरस मेटल’ – अलोह धातु) का भंडार मिला है । भारत में पहली बार लीथियम का भंडार मिला है । लीथियम का उपयोग भ्रमणभाष, भ्रमणसंगणक, इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी एवं अन्य उपकरण चार्ज करने योग्य बैटरी निर्मिति हेतु किया जाता है । यह एक दुर्लभ धातु है । इसकारण भारत अब तक चीन और अन्य देशों पर निर्भर था । अब भारत को यह भंडार मिलने से उसका अन्य देशों पर निर्भर रहना अल्प होगा।

भारत में लीथियम का उत्पादन अल्प है । वर्ष २०२० में लीथियम आयात के संदर्भ में भारत विश्व में चौथे क्रमांक पर था । भारत लीथियम बैटरी में से ८० प्रतिशत बैटरी चीन से आयात करता है । इस क्षेत्र में स्वावलंबी होने हेतु भारत अर्जेंटीना, चिली ऑस्ट्रेलिया और बोलिविया जैसे लीथियम समृद्ध देश की खदानों में हिस्सा खरीदने के प्रकल्प पर काम कर रहा है ।