भारतीय अधिकारियों को शंका है कि वे मछली पकडने के नाम पर गुप्तचरी करते हैं !
नई दिल्ली – हिंद महासागर के उत्तरी क्षेत्र में चीनी नौकाओं द्वारा अवैध रूप से मछली पकड़ने की कई घटनाएं सामने आई हैं । भारतीय अधिकारियों ने यह विचार व्यक्त किया कि चीन इस माध्यम से गुप्तचरी करने का प्रयत्न कर रहा है एवं वह पहले भी ऐसा कर चुका है । इतना ही नहीं, ‘डिस्टेंट वाटर फिशिंग’ प्रकार की ये चीनी नौकाएं विश्व के ८० से अधिक देशों की समुद्री सीमाओं में इस प्रकार से मछली पकड़ रही हैं । ऎसी धक्कादायक जानकारी ‘पॉलिसी रिसर्च ग्रूप’ नामक संस्था के प्रतिवेदन में दी गई है ।
१. इस संगठन के आलेख के अनुसार विश्व के समुद्रों और महासागरों में करीब १८ हजार चीनी नौकाएं अवैध रूप से चल रही हैं । ध्यान देने की बात ये है कि चीन समुद्री भोजन के उत्पादन में विश्व में अग्रणी है ।
२. चीन वार्षिक १२ लाख टन समुद्री भोजन का उत्पादन करता है । यह संख्या इंडोनेशिया से दोगुनी है, जो विश्व में दूसरे नंबर पर है । ‘पॉलिसी रिसर्च ग्रुप’ ने भी आरोप लगाया है कि इससे पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है । इसका स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है ।
३. भारत, श्रीलंका, पाकिस्तान, ईरान और ओमान की सीमाओं के मध्य स्थित समुद्र में अनेक चीनी नौकाएं कार्यरत हैं । २०२१ में हिंद महासागर में लगभग ३९२ अपंजीकृत चीनी नौकाओं का पता चला था । वर्ष २०२० में यह आंकड़ा ३७९ था ।
४. ईरान की समुद्री सीमा को ही अकेला मानें तो वहां हिंद महासागर से चीन ने ४६ हजार टन मछलियां चुराई हैं ।
५. गत वर्ष चीन का एक भेदी जहाज श्रीलंका की सीमा में घुसा था, जिसके कारण भारत को सतर्कता बरतनी पडी ।
धूर्त चीन इस प्रकार अनेक देशों को दे रहा धोखा !
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संपादकीय भूमिकाअब भारत को चीन की इन अवैध गतिविधियों का बनावटी मुखवटा हटाने के लिए वैश्विक स्तर पर पहल करने की आवश्यकता है ! |