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लेह – लद्दाख में अस्थिर उद्योग, पर्यटन तथा वाणिज्य क्षेत्र में कठिनाइयों आ रही हैं । पर्यावरण का भी प्रश्न उत्पन्न हो गया है । इसलिए मैंने आंदोलन खडा किया है; परंतु मेरी आवाज दबाने का प्रयास किया जा रहा है । लद्दाख के सुप्रसिद्ध पर्यावरणवादी सोनम वांगचुक ने ऐसा आरोप लगाया है । इस स्थिति के विरोध में सोनम वांगचुक गत ५ दिनों से अनशन कर रहे हैं । ‘मुझे समर्थन देने हेतु ३० जनवरी को एक दिन का अनशन कर सकते हैं’, उन्होंने जनता को ऐसा आवाहन किया है । सोनमनम वांगचुक को वर्ष २०१८ में ‘मॅगसेसे’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है ।
AAP BHI JUD SAKTE HAIN @ClimateFast
Bahuton ne poochha hai kaise!
30th Jan is the last day of my 5 day fast.
Join me for 1 day fast from your own places and share on social media for solidarity
Those with leadership qualities could organise at safe public places from 9 am to 6pm pic.twitter.com/GyIXBDIxW5— Sonam Wangchuk (@Wangchuk66) January 28, 2023
वांगचुक ने एक वीडियो प्रसारित किया है । इसमें उन्होंने कहा है कि वे खारदुंग दर्रा जाकर आंदोलन करनेवाले थे । वहां तापमान न्यूनतम ४० अंश तक नीचे जाता है; परंतु मुझे प्रशासन ने वहां पहुंचने नहीं दिया । अब मैंने इसी स्थान से अनशन चालू रखा है ।