नेपाल में दक्षिण कोरिया के पादरी द्वारा निर्धन हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन !

२० वर्ष में नेपाल में ७० चर्च खडे किए गए !

नेपाल में जारलंग गांव का एक चर्च (बाईं ओर) पादरी पांग चांग (दाईं ओर)

काठमांडू (नेपाल) – यहां दक्षिण कोरिया के एक पादरी द्वारा कभी पैसों का लालच दर्शा कर एवं कभी चमत्कार दर्शाने के नाम पर निर्धन हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन करने की बात सामने आई है । इस पादरी का नाम पांग चांग है ।

१. नेपाल में हो रहे हिन्दू तथा बौद्धों के धर्म परिवर्तन पर ‘बीबीसी’ समाचार वाहिनी ने एक ब्योरा तैयार किया है । इसमें कहा गया है कि पांग चांग ने नेपाल में जारलंग गांव में एक चर्च का निर्माण कर उसे ‘येशू की सफलता’ ऐसा नाम दिया है । उसने इस गांव के निर्धन हिन्दू तथा बौद्धों को ईसाई बनाया है ।

२. पादरी पांग चांग गत २० वर्षों से नेपाल में रह रहा है । उसने नेपाल में ७० चर्च खडे किए हैं । उसने दावा किया है कि समाज के लोगों ने स्वयं भूमिदान कर चर्च के निर्माण कार्य हेतु सहायता की है ।

३. ‘बीबीसी’ के ब्योरे के अनुसार हिन्दू बहुसंख्यक नेपाल में ७ सहस्र ७५८ चर्चाें का निर्माण किया गया है तथा इस पूरे परिवर्तन में दक्षिण कोरिया का हाथ है । एक समाचार के अनुसार नेपाल में ३०० कोरियन मिशनरी के परिवार रहते हैं ।

४. बताया जा रहा है कि वर्तमान समय में हिन्दू बहुसंख्यक नेपाल में ईसाईयों की संख्या २ प्रतिशत है । वर्ष १९५१ में यहां एक भी ईसाई नहीं था । वर्तमान में उनकी संख्या ३ लाख ७६ सहस्र हो गई है ।

संपादकीय भूमिका

वास्तव में नेपाल के हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन रोकने हेतु भारत को उसे सभी दृष्टि से सहायता करना आवश्यक है; परंतु गत ७५ वर्ष में शासनकर्ताओं के लिए भारत के हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन रोकना भी संभव नहीं हुआ, यही वास्तविकता है । ऐसी स्थिति में केवल ‘हिन्दू राष्ट्र’ ही हिन्दुओं की रक्षा कर सकता है, हिन्दुओं को अब तो यह ध्यान में लेकर उसे स्थापित करने हेतु शपथ लेनी चाहिए !

(कहते हैं) ‘नेपाल ‘धर्म निरपेक्ष देश’ बनने से मिशनरी कार्य के लिए स्वर्णिम काल !’

पांग कहते हैं कि वर्ष २००३ में जिस समय वे नेपाल में आए थे, उस समय देश में हिन्दू राजघराने का राज्य था । वे कहते हैं कि भगवान की इतनी मूर्तियां देख कर वे अस्वस्थ हो गए थे । वर्ष २००८ में गृहयुद्ध के उपरांत नेपाल ‘धर्म निरपेक्ष देश’ बन गया तथा वह काल मिशनरी कार्य के लिए स्वर्णिम काल था ।

संपादकीय भूमिका

इससे यह स्पष्ट होता है कि धर्म निरपेक्ष देश में मिशनरियों को धर्म परिवर्तन करना आसान होता है । इसीलिए ‘धर्म निरपेक्ष’ भारत में भी मिशनरियों द्वारा हिन्दुओं का निस्संकोच रूप से धर्म परिवर्तन किया जाता है तथा कोई कुछ नहीं कर सकता ! इस परिस्थिति में परिवर्तन लाने हेतु धर्माधिष्ठित ‘हिन्दू राष्ट्र’ अनिवार्य है !