केंद्रीय गृह मंत्रालय के अभिलेखों में ‘हिन्दू आतंकवाद’ शब्द नहीं है !

  • ‘सूचना के अधिकार’ से प्राप्त हुई जानकारी !

  • प्राप्त जानकारी से स्पष्ट हुआ कि ‘इस्लामी आतंकवाद’ का उल्लेख है !

नई देहली – सूचना का अधिकार कार्यकर्ता प्रफुल्ल शारदा द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्रालय के अभिलेख में ‘हिन्दू आतंकवाद’ शब्द नहीं है । प्रफुल्ल शारदा ने आरोप लगाया कि तुष्टीकरण की राजनीति के कारण कुछ राजनीतिक नेताओं ने ‘हिन्दू आतंकवाद’ शब्द निर्माण किया।

१. प्रफुल्ल शारदा द्वारा दिए गए सूचना आवेदन में पूछा गया कि भारत में कितने आतंकी संगठन हैं ? उनके नाम और विस्तृत जानकारी दी जाए तथा उन्हें नियंत्रित करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं ? एवं यदि हिन्दू आतंकवादी या भगवा आतंकवादी जैसे शब्द हैं तो उसकी भी जानकारी दी जाए । केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी में आतंकवादी संगठनों के नाम और विस्तृत जानकारी के साथ उन्होंने कहा कि उनके अभिलेखों में ‘भगवा’ या ‘हिन्दू आतंकवाद’ शब्द नहीं है ।

२. प्रफुल्ल शारदा ने मुख्य रूप से वर्ष २००६ में मालेगांव बम विस्फोट के संबंध में एक प्रश्न पूछा था । जिसमें पूछा गया था, ‘क्या हिन्दू या भगवा आतंकवादी इस विस्फोट में संलिप्त थे ?’

३. प्रफुल्ल शारदा ने कहा कि एक भारतीय के नाते ही नहीं, एक हिन्दू के नाते भी मुझे दुख पहुंचा है । कुछ राजनेता एक धर्म विशेष के मत प्राप्त करने के लिए निरंतर देश के हिन्दूओं को कलंकित कर रहे थे या हिन्दू या भगवा आतंकवाद जैसी झूठी बातें प्रसारित रहे थे । ‘हिन्दू आतंकवाद’ अस्तित्व में है ही नहीं किन्तु केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी से यह स्पष्ट होता है कि ‘इस्लामिक आतंकवाद’ अस्तित्व में है और पूरे विश्व में निर्दोष लोगों की हत्या कर विश्व को त्रस्त कर दिया है ।

४. देश के कुख्यात ४२ संगठनों को ‘आतंकवादी संगठन’ घोषित किया गया है । इसमें बब्बर खालसा इंटरनेशनल, खालिस्तान कमांडो फोर्स, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स, इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन, लश्कर-ए-तैयबा, पसबन-ए-अहले हादी, जैश-ए-मोहम्मद आदि सम्मिलित हैं । इसके साथ ही सरकार ने आतंकवाद से लड़ने के लिए अनेक प्रयास किए हैं और कर रही है, यह भी उत्तर में दिया गया है ।