इस्लामाबाद – बलुचिस्तान प्रांत के ग्वादर में विवादित पाक-चीन आर्थिक महामार्ग परियोजना का विरोध हिंसक हो गया है । इस परियोजना के विरोध में ग्वादर के नागरिक बडी संख्या में सडकों पर उतरे हैं । इस आंदोलन की तीव्रता दिनोंदिन बढने के साथ वहां की परिस्थिति पाक के नियंत्रण से बाहर जा रही है । इसलिए पाकिस्तान ने वहां इंटरनेट बंद कर दिया है और कर्फ्यू लगा दिया है । तो भी कर्फ्यू तोडकर नागरिकों का आंदोलन चालू ही है । इस विरोध के कारण चीन पाक पर अप्रसन्न है । ‘हक दो तहरीक’ यह संगठन इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है । इसलिए चीन ने आगे आकर ‘हक दो तहरीक’ के अध्यक्ष रहमान सहित अन्य स्थानीय नेताओं से वार्ता चालू की है तथापि आंदोलनकारी सुनने की स्थिति में न होने से चर्चा के द्वार भी बंद होने वाले हैं ।
Hundreds still on streets in Gwadar as government imposes Section 144 banning gatherings of five or more people for a month.https://t.co/MtnbuHrjpg
— Dawn.com (@dawn_com) December 30, 2022
५ दिनों में १०० से अधिक आंदोलनकारियों को बंदी बनाया !
इस प्रकरण में पाक ने पिछले ५ दिनों में ग्वादर, पासनी, तुरबत, मकरान सहित अन्य भागों से १०० से अधिक आंदोलनकारियों को बंदी बनाया है । इनमें महिलाओं का भी बडी संख्या में सहभाग है ।
यह हमारे अधिकारों का युद्ध होने से हमारा विरोध चालू ही रहेगा ! – हक दो तहरीक
‘हक दो तहरीक’ संगठन की ओर से किए जाने वाले आंदोलन का नेतृत्व करने वाले मौलाना रहमान ने एक वृत्तपत्र को बताया कि, यह संघर्ष अर्थात ग्वादर के लोगों के अधिकारों का युद्ध है । इस कारण हमारा विरोध चालू ही रहेगा । ‘पाक-चीन आर्थिक महामार्ग परियोजना यह चीन के हित की है । चीन के हस्तक्षेप का हमारे जीवन पर परिणाम हो सकता है । यह हम सहन नहीं करेंगे ।