एम.आई.एम. के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष शौकत अली का प्रश्न
मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश) – यदि हिन्दू कावड यात्रा निकालकर यातायात बाधित कर सकते हैं, तो हम रास्ते पर नमाज क्यों नहीं पढ सकते ? ऐसा प्रश्न एम.आई.एम. के उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष शौकत अली द्वारा किए जाने का एक वीडियो सामाजिक माध्यमों द्वारा प्रसारित हुआ है । बताया जा रहा है कि यह वीडियो कुछ दिन पूर्व राज्य में हुए स्थानीय स्वराज्य संस्था के चुनाव के समय मुरादाबाद में हुई एक सभा के समय का है ।
‘हिंदू सड़कों पर काँवड़ निकाल सकते हैं, लेकिन मुस्लिम नमाज नहीं पढ़ सकते’: हिंदुओं की शादी की ‘रखैल’ से तुलना करने वाले AIMIM नेता शौकत अली ने फिर जहर उगला#ShaukatAli #AIMIMhttps://t.co/T4P18HC4QP
— ऑपइंडिया (@OpIndia_in) December 11, 2022
शौकत अली ने आगे कहा कि, कावड यात्रा के कारण १ माह राष्ट्रीय राजमार्ग बंद था और पुलिस अधिकारी कावड यात्रियों के पांव दबा रहे थे । हमें इस पर कोई भी आपत्ति नहीं; लेकिन जब किसी ‘मॉल’ में अथवा रास्ते पर नमाज पढी जाती है, तब बवाल किया जाता है । कुछ लोगों को तो हमारे ‘अजान’ के कारण भी (नमाज पढने के लिए किया जाने वाला आवाहन) कष्ट होता है । एक देश में दो कानून हैं क्या ? (इस देश में दो कानून हैं, एक मुसलमानों के लिए और दूसरा हिन्दुओं के लिए ! यदि मुसलमानों को यह स्वीकार नहीं, तो उन्हें समान नागरिक कानून की मांग करनी चाहिए ! नमाज पढने को लेकर शौकत अली को दो कानून दिखते हैं; लेकिन अनेक पत्नियां करना, अनेक बच्चों को जन्म देना, तलाक के समय कानून नहीं दिखता, यह भली भांति समझें ! – संपादक) यदि हिन्दू कांवडा यात्रा निकालकर यातायात बाधित कर सकते हैं, तो हम रास्ते पर नमाज क्यों नहीं पढ सकते ?
संपादकीय भूमिका
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