पिछले १० वर्षों में विश्वभर की महिलाओं का क्रोध ६ प्रतिशत, तो भारतीय महिलाओं का १२ प्रतिशत बढा !

‘गैलप वर्ल्ड’ इस संस्था के सर्वेक्षण का निष्कर्ष !

वॉशिंगटन (अमेरिका) – पिछले १० वर्ष की कालावधि में विश्व स्तर पर महिलाओं के क्रोध में बढोतरी हुई है । ‘गैलप वर्ल्ड’ इस संस्था ने वर्ष २०११ से २०२१ इस १० वर्ष की कालावधि में विश्व के १५० देशों के १२ लाख लोगों का सर्वेक्षण करने के उपरांत यह निष्कर्ष घोषित किया है ।

विश्वभर की महिलाओं का बढता क्रोध

अ. १० वर्ष पूर्व महिला और पुरुष में क्रोध की मात्रा देखें, तो महिलाओं की अपेक्षा पुरुष अधिक क्रोधित होते थे; लेकिन पिछले १० वर्षों में यह प्रमाण बढा है । पुरुषों की अपेक्षा महिला ६ प्रतिशत अधिक क्रोधी हो गई हैं । भारतीय महिलाओं में यह प्रमाण १२ प्रतिशत है । अर्थात विश्व की अन्य महिलाओं की तुलना में भारतीय महिलाओं का क्रोध दोगुना बढा है ।

आ. कोरोना महामारी के समय क्रोध के इस स्तर में अत्यधिक वृद्धि हुई है । भारत और पाकिस्तान की महिलाओं में यह मात्रा अधिक है ।

इ. मानसिक उपचार विशेषज्ञ डॉ. लक्ष्मी विजय कुमार द्वारा दी जानकारी के अनुसार महिलाएं अब स्वावलंबी होने के कारण स्वयं का निर्णय स्वयं ले सकती हैं । इस कारण उनके द्वारा लिए हुए किसी भी निर्णय का* पुरुषों ने विरोध किया, तो उन्हें क्रोध आता है ।

ई. चूंकि महिलाएंं बाहरी दुनिया में स्वावलंबी हैं, तो भी घर में अभी भी पितृसत्ता होने से इस असंतुलन को सहन करना उनके लिए कठिन होता है और इस कारण ही उनमें क्रोध की मात्रा बढती जा रही है ।

उ. शिक्षा का प्रसार बढने के कारण भी महिलाओं की अपेक्षाएं बढती जा रही हैं । शिक्षा के स्तर के अनुसार यदि अपेक्षित वेतन की नौकरी नहीं मिली, तो यह भी क्रोध बढने का एक कारण माना जा रहा है ।