नई देहली – उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में ‘इंडिया टुडे’ ,इस नियतकालिक के पूर्व संपादक अरुण पुरी द्वारा प्रविष्ट याचिका पर निर्णय देते समय ‘किसी मीडिया संस्था के मुख्य संपादक पर सीधा आरोप न होने पर अथवा उनका सीधा सहभाग न होने पर अथवा पत्रकार के लेख के लिए उन्हें उत्तरदायी नहीं ठहरा सकते’, ऐसा महत्वपूर्ण निर्णय दिया । वर्ष २००७ में ‘इंडिया टुडे’ में ‘मिशन मिसकंडक्ट’ नाम में प्रकाशित एक लेख में ब्रिटेन में कार्यरत भारतीय विदेश सेवा के ३ उच्चपदस्थ अधिकारियों पर आरोप लगाया गया था । उनमें से एक ने उस समय के संपादक अरुण पुरी और संबंधित पत्रकार के विरोध में मानहानि का मुकदमा प्रविष्ट किया था ।
Chief editors cannot be prosecuted unless there’s direct allegation: SC quashes defamation case against India Today’s Aroon Purie https://t.co/qTu12MNxXs
— OpIndia.com (@OpIndia_com) November 2, 2022
इस पर हुई सुनवाई में उच्चतम न्यायालय ने कहा कि, आरोप मजबूत और सीधा होगा, तो मुख्य संपादक को कोई भी छूट नहीं दे सकते । उसी प्रकार संपादकों पर सीधा आरोप न होने पर उन्हें उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता ।