वसंतकुंज श्मशानभूमि के स्थान परिवर्तन के देहली उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय द्वारा निरस्त

उच्चतम न्यायालय

नई देहली – देहली के वसंतकुंज परिसर के मसूदपुर गांव स्थित १०० वर्ष पुरानी श्मशानभूमि को किशनगढ में स्थानांतरित करने के देहली उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय ने निरस्त किया । साथ ही दक्षिण देहली महानगरपालिका की इस श्मशानभूमि को एक वर्ष के अंदर विद्युत श्मशानभूमि में परिवर्तित करने का आदेश दिया । ‘यदि प्रत्येक निवासी संघ द्वारा श्मशानभूमि का स्थान परिवर्तित करने का प्रयास करे, तो शहर में एक भी श्मशानभूमि शेष नहीं रहेगी’, ऐसा उच्चतम न्यायालय ने कहा है ।

१. ‘वसंतकुंज परिसर की श्मशानभूमि ‘देहली महानगरपालिका कानून, १९५७’ लागू होने के पहले से अस्तित्व में थी, तो वसंतकुंज निवासी कालोनी वर्ष १९९० में अस्तित्व में आई’, ऐसा न्यायमूर्ति एम.आर. शहा और न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश की खंडपीठ ने निरस्तीकरण का आदेश देते समय बताया ।

२. वसंतकुंज निवासी कल्याण संगठन की ओर से प्रविष्ट की गई याचिका पर सुनवाई के उपरांत यह निर्णय दिया गया ।

३. वसंतकुंज निवासी कल्याण संगठन का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता करण सिंह भाटी ने ऐसा युक्तिवाद किया कि ‘‘श्मशानभूमि वसंतकुंज निवासी कॉलोनी के समीप है’। अधिवक्ता सहगल द्वारा किए युक्तिवाद को उच्चतम न्यायालय ने स्वीकृति दी ।