नई देहली – ‘तामजहल मूलत: शिव मंदिर है’, ऐसा बताने वाली और इसका तथ्यों पर आधारित अन्वेषण करने की मांग करने वाले भाजपा नेता रजनीश सिंह की जनहित याचिका उच्चतम न्यायालय ने नकार दी । यह याचिका ‘प्रसिद्धी पाने के लिए की गई याचिका है’, ऐसा न्यायालय ने कहा है । इस याचिका में ताजमहल परिसर के २२ कक्ष खोलकर उनका तथ्यों पर आधारित अन्वेषण करने की मांग की गई थी । न्यायमूर्ति एम. आर. शाह और न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश की खंडपीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा नकारी गई याचिका में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया ।
SC junks PIL seeking inquiry into history of Taj Mahal, terms it 'publicity interest litigation' https://t.co/j9lFtaUfq9 #SupremeCourt
— Oneindia News (@Oneindia) October 21, 2022
१. उच्च न्यायालय ने १२ मई, २०२२ के दिन कहा था कि, रजनीश सिंह जो भाजपा के अयोध्या के माध्यम प्रमुख हैं , इस याचिका को दायित्वशून्य’ ढंग से ‘जनहित याचिका’ के नाम पर प्रविष्ट किया , ऐसा कहते हुए उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को भी फटकारा था ।
२. याचिका में ‘प्राचीन, ऐतिहासिक स्मारक, साथ ही पुरातत्व स्थल और अवशेष (राष्ट्रीय महत्व) अधिनियम, १९५१’ और ‘प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम, १९५८’ के कुछ प्रावधानों को अलग करने की मांग की गई थी, जिसके अंतर्गत ताजमहल, फतेहपुर सीकरी, आगरा किला और इत्माद-उद-दौला के मकबरे को ऐतिहासिक स्मारक के रुप में घोषित किया गया था ।