गुरुग्राम (हरियाणा) – नगर के जी.डी. गोयनका विश्वविद्यालय में लगभग ६० नाइजीरियाई छात्रों द्वारा विश्वविद्यालय परिसर छोड़ने की सूचना है । नाइजीरियाई छात्रों द्वारा फुटबॉल मैदान में नमाज पढने के कारण विवाद खड़ा हो गया है । (क्या कोई मैदान नमाज पढने की जगह हो सकती है ? यह एक उदाहरण है कि कैसे अधिकांश मुसलमान धर्म के नाम पर दूसरों को धमकाते हैं ! – संपादक) ‘भारतीय छात्रों ने हमारे साथ अयोग्य व्यवहार किया व पीटा’, छात्रों ने ऎसा आरोप लगाया । (कई घटनाएं सामने आई हैं कि भारत में रहने वाले अधिकांश नाइजीरियाई, जिनमें मुस्लिम भी सम्मिलित हैं, मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त पाए गए हैं । अत: नाइजीरियाई छात्रों के इस तरह के आरोपों पर कोई कैसे विश्वास कर सकता है? – संपादक) भारतीय छात्रों ने उस स्थान पर आपत्ति जताई, जहां नाइजीरियाई छात्र नमाज पठन कर रहे थे । भारतीय छात्रों ने कुलपति के पास शिकायत प्रविष्ट कराई । आंदोलन करने वालों ने मांग की कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि ‘नाइजीरियाई छात्र केवल अपने छात्रावास के कक्षों में ही नमाज पढें ।
१. नाइजीरियाई छात्र खलील ने कहा, “जब विश्वविद्यालय ने भारतीय और नाइजीरियाई छात्रों को एक संमिश्र फुटबॉल टीम में रखने का निर्णय किया तब हो हल्ला हुआ । हमारे कप्तान ने मिश्रित टीम पर आपत्ति जताई । इसके उपरांत अधिकारी ने सामना रहित करने का निर्णय किया । इसके उपरांत भारतीय छात्रों ने मैदान में घुसकर हमें पीटा । अगले दिन भारतीय छात्रों के एक समूह ने छात्रावास में हम पर आक्रमण किया ।
२. भारतीय छात्रों ने आरोप लगाया है कि नाइजीरियाई छात्रों के एक समूह ने उन पर आक्रमण किया है । दोनों पक्षों ने एक दूसरे के विरुद्ध सोहना पुलिस थाने में पऱिवाद (शिकायत) प्रविष्ट कराई है । इस प्रकरण में आगे की जांच जारी है ।
संपादकीय भूमिकाध्यान दें कि अधिकांश मुसलमान, चाहे वे किसी भी देश के हों और जहां भी रहते हों, वाद निर्माण करते हैं और सामाजिक शांति भंग करते हैं ! |