‘इंडियन मेडिकल एसोसिएशन’ के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. जॉन पर कार्यवाही करें ! – राष्ट्रीय वैद्यकीय आयोग द्वारा निर्देश

कोरोना महामारी की कालावधि में हिन्दू रोगियों का धर्मपरिवर्तन करने की घटना

नई देहली – ‘इंडियन मेडिकल एसोसिएशन’ के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. जॉन रोज आस्टिन जयलाल ने अपने पद का अनुचित उपयोग कर कोरोना महामारी की कालावधि में हिन्दू रोगियों का धर्मपरिवर्तन करने के आरोप पर ध्यान देते हुए राष्ट्रीय वैद्यकीय आयोग द्वारा ‘देहली मेडिकल काऊंसिल’ तथा स्वास्थ्य मंत्रालय को एक पत्र द्वारा डॉ. जॉन पर कार्यवाही करने के आदेश दिए गए ।

‘वैधानिक अधिकार सुरक्षा मंच’ ने डॉ. रोज पर उपर्युक्त आरोप लगाया था । इस संदर्भ में ‘वैधानिक अधिकार सुरक्षा मंच’ ने ‘राष्ट्रीय वैद्यकीय आयोग’ को २५ जून २०२१ को पत्र लिख कर डॉ. रोज का वैद्यकीय व्यवसाय का अनुज्ञापत्र (लाइसेंस)निरस्त करने की मांग की थी । इस परिवाद पर ध्यान देकर राष्ट्रीय वैद्यकीय आयोग के ‘आचार तथा वैद्यकीय पंजीकरण मंडल’ द्वारा १ सितंबर २०२२ को ‘देहली मेडिकल काऊंसिल’ तथा स्वास्थ्य मंत्रालय के संचालक को नोटिस भेजी गई थी ।

पिछले वर्ष यह प्रकरण न्यायालय में भी गया था । परिवादकर्ता रोहिज झा ने न्यायालय में याचिका प्रविष्ट कर डॉ. रोज पर हिन्दू धर्म के विरुद्ध प्रचार कर हिन्दुओं की धार्मिक भावना आहत करने का आरोप लगाया था । कोरोना रोगियों के उपचार में आयुर्वेदिक औषधियों की अपेक्षा एलोपथी औषधियों की श्रेष्ठता दर्शाकर उन्होंने भारत में ख्रिस्ति धर्म का प्रसार किया था,  इस याचिका में ऐसा आरोप लगाया गया है ।

संपादकीय भूमिका

  • ऐसे धर्मांधों पर कठोर कार्यवाही होनी चाहिए !
  • यदि हिन्दुओं ने धर्मशिक्षा ग्रहण की, तो उनमें धर्माभिमान उत्पन्न होकर वे डॉ. रोज समान व्यक्तियों की गीदड भभकियों पर कभी बलि नहीं चढेंगे एवं कोई भी उनका धर्मपरिवर्तन नहीं कर सकेगा !