नई दिल्ली – भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर में ०.५० बढोतरी की है । इस कारण रेपो दर ५.४० प्रतिशत से बढाकर ५.९० प्रतिशत होने वाली है । इस कारण गृह, वाहन, व्यक्तिगत आदि कर्ज महंगे होने वाले हैं । इस कारण कर्जदारों को अधिक ‘इ.एम.आई.’ भरना होगा । रिजर्व बैंक के गर्वनर शक्तिकांत दास ने पत्रकार परिषद में ब्याज दरों के विषय में जानकारी दी । अगस्त में हुई बैठक में ब्याज दर ४.९० प्रतिशत से ५.४० प्रतिशत की गई थी ।
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— Business Standard (@bsindia) September 30, 2022
०.५० प्रतिशत बढने से क्या होगा ?
एक व्यक्ति ने ८.०५ प्रतिशत दर से २० वर्षों के लिए ३० लाख रुपए का गृह कर्ज लिया, तो अब उसके कर्ज का ‘ई.एम.आई.’ २५ सहस्र १८७ रुपए होगा । अर्थात उसे ३० लाख रुपयों के एवज में कुल ६० लाख ४४ सहस्र ७९३ रुपए देने पडेंगे । पहले इसी रकम के ७.९५ दर से २० वर्षों में ५८ लाख ४२ सहस्र रुपए देने पडते थे ।
‘रेपो रेट (दर)’ अर्थात क्या ?
जिस दर से बैंक रिजर्व बैंक से पैसा लेता है उस दर को ‘रेपो रेट (दर)’ कहते हैं । रेपो दर बढना, अर्थात बैंकों को रिजर्व बैंक से मिलने वाले कर्ज दर में बढत होना । रेपो दर अल्प होना, अर्थात बैंक को सस्ते में पैसे मिलना । रिजर्व बैंक ने रेपो दर में बढत की, तो सामान्य लोगों के कर्ज में बढत होती है ।