हिन्दू जनजागृति समिति की द्विदशक-पूर्ति के निमित्त हिन्दू राष्ट्र-संकल्प अभियान !

संपूर्ण देश के २ सहस्र स्थानों पर ली जाएगी ‘हिन्दू राष्ट्र की प्रतिज्ञा’ !

हिन्दू जनजागृति समिति हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के उद्देश्य से विगत २० वर्षाें से अविरत कार्यरत है । इस वर्ष २६ सितंबर के दिन अर्थात घटस्थापना के दिन हिन्दू जनजागृति समिति की स्थापना को २० वर्ष पूर्ण हो रहे हैं । इस द्विदशक-पूर्ति के निमित्त संपूर्ण देश में समिति द्वारा ‘हिन्दू राष्ट्र-संकल्प अभियान’ ३१ अगस्त से लेकर ८ नवंबर २०२२ की अवधि में यह अभियान चलाया जाएगा । इस अभियान के अंतर्गत संपूर्ण देश में २ सहस्र से भी अधिक स्थानों पर ‘हिन्दू राष्ट्र की प्रतिज्ञा’ ली जानेवाली है । हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने यह जानकारी दी ।

हिन्दू राष्ट्र-संकल्प अभियान के अंतर्गत लिए जा रहे विभिन्न उपक्रम !

‘हिन्दू राष्ट्र-संकल्प अभियान’ के अंतर्गत संपूर्ण देश में ‘हिन्दू राष्ट्र की आवश्यकता’, ‘हिन्दू धर्म की महानता’, ‘शौर्य जागरण की आवश्यकता’, ‘लव जिहाद’, ‘हलाल जिहाद’ इत्यादि विषयों पर ३ सहस्र स्थानों पर व्याख्यान, २ सहस्र स्थानों पर हिन्दू राष्ट्र-जागृति करनेवाली फलक प्रसिद्धि, १ सहस्र मंदिरों तथा २५० ऐतिहासिक स्थलों की स्वच्छता, ३५० स्थानों पर महिला संगठन के उपक्रम, तथा २०० स्थानों पर महिलाओं के लिए स्वरक्षा प्रशिक्षण उपक्रम आदि उपक्रम लिए जानेवाले हैं, साथ ही ३० से अधिक ‘हिन्दू राष्ट्र संगठन सम्मेलन’, ५० स्थानों पर ‘वर्षगांठ समारोह’, ५० स्थानों पर ‘हिन्दू राष्ट्र विचारगोष्ठियां’, ७० स्थानों पर पथनाट्य, २०० से अधिक संगठनों की बैठकें, ६० से अधिक अधिवक्ता बैठकें आदि उपक्रम चलाए जानेवाले हैं । इन उपक्रमों से हिन्दू जनमानस में हिन्दू राष्ट्र का संकल्प दृढ हो तथा हिन्दू समाज हिन्दू राष्ट्र के लिए क्रियाशील बने; इस दृष्टि से उपक्रमों की रुपरेखा तैयार की गई है, ऐसा भी श्री. शिंदे ने कहा ।
श्री. शिंदे ने आगे कहा कि इस अभियान का शुभारंभ चिपळूण (जि. रत्नागिरी) के श्री परशुराम मंदिर में श्रीफल एवं मार्ल्यापण कर किया गया । छत्रपति शिवाजी महाराज ने भी अपने राज्याभिषेक से पूर्व भगवान श्री परशुराम की महापूजा की थी । ऐसे स्थान पर समिति की द्विदशक-पूर्ति के निमित्त संपूर्ण देश में चलाए जानेवाले ‘हिन्दू राष्ट्र-संकल्प अभियान’ का शुभारंभ होना शुभसंकेत ही मानना पडेगा ।

वर्ष २००२ में रत्नागिरी में एक धर्मद्रोही संगठन ने देवताओं का उपहास उडानेवाला एक कार्यक्रम आयोजित किया था । उसके विरुद्ध उत्स्फूर्तता से खडा किया गया हिन्दू-संगठन आज २० वर्षाें में वटवृक्ष की भांति बढता जा रहा है । विगत २० वर्षाें से निरंतर की गई जागृति के कारण हिन्दुओं के आस्था के केंद्रों का अनादर रोकने के लिए केवल राज्य में ही नहीं, अपितु संपूर्ण भारत में ही हिन्दू क्रियाशील बना हुआ दिखाई देता है । धर्मशिक्षा, धर्मजागृति, हिन्दू-संगठन, राष्ट्ररक्षा एवं धर्मरक्षा, इन पंचसूत्री के आधार पर समिति द्वारा संपूर्ण वर्ष तक देश में विभिन्न उपक्रम चलाए जाते हैं । यह संपूर्ण कार्य ईश्वरीय कृपा, संतों के आशीर्वाद तथा हिन्दुत्वनिष्ठों के क्रियाशील सहभाग के कारण संपन्न हो रहा है ।