भक्त को ५० लाख रुपए हानिभरपाई देने का तिरुपती देवस्थान को ग्राहक न्यायालय का आदेश !

वस्त्रालंकार पूजा के लिए भक्त को १४ वर्ष करनी पडी प्रतिक्षा !

तिरुपती (आंध्रप्रदेश) – एक भक्त को विशेष पूजा के लिए १४ वर्ष प्रतिक्षा करने लगाने के प्रकरण में ग्राहक न्यायालय ने उस भक्त को ५० लाख रुपए हानिभरपाई देने का आदेश तिरुमला तिरुपती देवस्थान को दिया है । साथ ही ‘इस भक्त को वस्त्रालंकार सेवा के लिए एक वर्ष के भीतर नई दिनांक दी जाए’, ऐसा भी न्यायालय ने निर्देश में कहा है । तिरुमला तिरुपती देवस्थान के विरोध में ग्राहक न्यायालय में परिवाद प्रविष्ट होने का यह प्रथम प्रकरण है । के.आर.हरि भास्कर इस प्रकरण के परिवाद करनेवाले भक्त हैं ।

१. भास्कर ने वर्ष २००६ में १२ सहस्र २५० रूपए भरकर वस्त्रालंकार पूजा के लिए नाम प्रविष्ट किया था । यह राशि अब ब्याज के साथ लौटाने का न्यायालय ने आदेश दिया है ।

२. कोरोना महामारी के समय में मार्च २०२० से तिरुमला तिरुपती मंदिर ८० दिनों तक दर्शन के लिए बंद रखा गया था । इस कारण मंदिर में होनेवाली वस्त्रालंकार एवं अन्य सेवाएं भी रोक दी गई थी । इस समय देवस्थान ने भास्कर से पूछा था, ‘नया दिनांक चाहिए या पैसा वापस चाहिए’ ? भास्कर ने नए दिनांक की मांग की थी । तत्पश्चात वह संभव नहीं है, देवस्थान द्वारा ऐसा सूचित न करने पर भास्कर ने ग्राहक न्यायालय में देवस्थान समिति के विरोध में परिवाद किया था ।

संपादकीय भूमिका 

 मंदिरों का सरकारीकरण होने पर ऐसा ही होगा !