पाकिस्तान की नागरिकता छिपाकर सरकारी शिक्षक के पद पर कार्यरत महिला और उसकी पुत्री के विरुद्ध कार्रवाई !

सरकारी अधिकारियों के विरुद्ध भी कार्रवाई की संभावना !

रामपुर (उत्तर प्रदेश) – पाकिस्तानी नागरिकता छुपा कर सरकारी शिक्षिका की नौकरी प्राप्त करने वाली एक महिला को नौकरी से निकाल दिया गया है, जबकि उसकी पुत्री को निलंबित कर दिया गया है । इस प्रकरण में कुछ सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध भी कार्रवाई की संभावना है । पुत्री बरेली में नौकरी करती थी, जबकि मां रामपुर में कार्यरत थी ।

रामपुर के मोहल्ला आतिशबाजान की निवासी माहिरा अख्तर का विवाह पाकिस्तान के निवासी सिबगत अली से जून १९७९ में हुआ था । उसके उपरांत उसे पाकिस्तान जाने पर वहां की नागरिकता प्राप्त हुई । २ वर्षों के उपरांत विवाह विच्छेद होने के कारण वह पाकिस्तानी पारपत्र के माध्यम से वीजा लेकर भारत लौटी। उस समय उनके साथ उसकी  दो पुत्रियां भी थीं। वीजा समाप्त होने के उपरांत भी वह वापस पाकिस्तान नहीं गई । उसने यहां नौकरी करना प्रारंभ कर दिया । १९८३ में जब उसके विरुद्ध प्रकरण प्रविष्ट किया गया, तो उसे केवल एक दिन के लिए न्यायालय में उपस्थित होने का दंड दिया गया । उसके उपरांत उसे प्राथमिक शिक्षा विभाग में शिक्षिका की नौकरी मिल गई। कालांतर से उजागर हुआ कि वह पाकिस्तानी थी, जिसके कारण उसे निलंबित कर दिया गया था, किन्तु उसे पुन: नौकरी पर रख लिया गया और प्रकरण ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। गत वर्ष जब यह बात उजागर हुई कि उसकी पुत्री भी सरकारी शिक्षिका है तो फरजाना की भी दूसरी बार जांच कराई गई और उसे नौकरी से निकाल दिया गया, जबकि उसकी बेटी को निलंबित कर दिया गया।

संपादकीय भूमिका 

भारतीय विचार करते हैं कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार को ऐसे लोगों को आजीवन कारावास का दंड दिलाने का प्रयास करना चाहिए !