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नई देहली – ग्रामपंचायतों की वर्तमान सूची के आधार पर उत्तरप्रदेश एवं असम राज्यों के पुलिसकर्मियों ने केंद्रीय गृहमंत्रालय को स्वतंत्र विवरण भेजे हैं । दोनों विवरणों के अनुसार वर्ष २०११ से राज्यों की सीमा से सटे जिलों में मुसलमानों की जनसंख्या में ३२ प्रतिशत की बढोतरी हुई है, जबकि पूरे देश में १० से १५ प्रतिशत परिवर्तन हुआ है । इसका अर्थ मुसलमानों की जनसंख्या में सामान्य जनसंख्या से २० प्रतिशत की वृद्धि हुई है । पुलिसकर्मियों ने इस परिवर्तन को देश की सुरक्षा के दृष्टिकोण से अधिक संवेदनशील माना है । इससे दोनों राज्यों ने सीमा सुरक्षा दल के अधिकारक्षेत्र की मर्यादा ५० कि.मी. से १०० कि.मी. तक बढाने की अनुशंसा की है; अर्थात प्रत्येक सीमा में १०० कि.मी. तक अन्वेषण एवं शोध करने का अधिकार सीमा सुरक्षा दल को होगा ।
१. गुजरात को छोडकर सीमा से सटे अन्य राज्य पंजाब, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, असम, बंगाल, एवं पूर्व तथा उत्तर के राज्यों में सीमा सुरक्षा दल का अधिकारक्षेत्र १५ कि.मी. तक सीमित किया गया था । अक्तुबर २०२१ में जांच के पश्चात वह क्षेत्र ५० कि.मी. तक बढाया गया है । कुछ राज्यों ने इस पर आपत्ति भी दर्शाई थी ।
२. केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जनसंख्या में इतनी भारी मात्रा में परिवर्तन होना, केवल जनसंख्या वृद्धि का सूत्र नहीं है, अपितु भारत में घुसपैठ का यह नया षड्यंत्र हो सकता है । इससे राष्ट्रीय सुरक्षा का भान रखते हुए अभी से अधिक तैयारी करनी पडेगी ।
Flagging concerns about demographic changes in districts along international border with Nepal & Bangladesh, at annual police meet last year, #UP Police and #Assam Police highlighted a high decadal growth in population in these areas. | @vijaita reports https://t.co/Gs90smmyUF
— The Hindu (@the_hindu) July 31, 2022
उत्तरप्रदेश पुलिसकर्मियों के विवरण की जानकारीअ. उत्तरप्रदेश की नेपाल सीमा से सटे पिलीभीत, खेरी, महाराजगंज, बलरामपुर एवं बहराईच इन ५ जिलों में वर्ष २०११ से राष्ट्रीय औसत संभावना की अपेक्षा मुसलमानों की जनसंख्या में २० प्रतिशत से अधिक बढोतरी हुई है । आ. इन ५ जिलों में १ सहस्र से अधिक गांव स्थानीय हैं । इनमें से ११६ गांवों में मुसलमानों की जनसंख्या अब ५० प्रतिशत से अधिक है । कुल ३०३ गांव हैं, जहां मुसलमानों की जनसंख्या ३० से ५० प्रतिशत है । इ. अप्रैल २०१८ से मार्च २०२२ तक इन जिलों में मस्जिद और मदरसों की संख्या २५ प्रतिशत बढी है । वर्ष २०१८ में इन जिलों में कुल १ सहस्र ३४९ मस्जिद एवं मदरसा थे । उनकी संख्या अब १ सहस्र ६८८ हो गई है । ई. समय-समय पर गुप्तचरों के विवरण द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार सीमा निकटवर्ती क्षेत्र में बहुत दिनों से घुसपैठ हो रही है तथा आनेवाले अधिकांश लोग मुसलमान हैं । |
असम की स्थिति
बांग्लादेश की सीमा से सटे असम के धुबरी, करीमगंज, दक्षिण सलमारा एवं काछर जिलों में मुसलमानों की जनसंख्या ३२ प्रतिशत बढी है । वर्ष २०११ की जनगणना की राष्ट्रीय औसत संभावना के अनुसार जनसंख्या में १२.५ प्रतिशत वृद्धि होनी चाहिए थी ।
संपादकीय भूमिकाइतनी भारी मात्रा में जनसंख्या बढती जा रही थी, तब पुलिस, प्रशासन एवं गुप्तचर तंत्र सो रहे थे क्या ? ये लोग अब उस पर नियंत्रण प्राप्त कर देश की सुरक्षा का दायित्व लेंगे क्या ? |