इस्रायल से प्रामाणिक न रहनेवाले नागरिकों का रहित किया जा सकता है नागरिकत्व ! – इस्रायल का सर्वोच्च न्यायालय

जेरुसलेम (इस्रायल) – इस्रायल से प्रामाणिक न रहनेवाले नागरिकों का नागरिकत्व रहित किया जा सकता है, ऐसा महत्त्वपूर्ण निर्णय इस्रायल के सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में दिया । न्यायालय का कहना है कि इसके अंतर्गत अप्रामाणिकता की व्याख्या में ‘इस्रायल के विरोध में गुप्तचरी का काम करना’, ‘आतंकवादी कार्रवाई करना’, ‘राजद्रोह’ आदि का समावेश किया गया है । वर्ष २००८ में दो फिलीस्तीनी नागरिकों ने इस्रायल के नागरिकों पर किए आतंकवादी आक्रमण के प्रकरण में हुई सुनवाई के समय न्यायालय ने यह निर्णय दिया ।

‘यह निर्णय गैरयहुदी नागरिकों पर भी थोपा जाएगा’, ऐसा मानवाधिकार संगठनों का आक्षेप है । दूसरी ओर अरब संगठन भी इसका विरोध कर रही है । ‘यह निर्णय भेदभाव करनेवाला होने से उसका दुरुपयोग इस्रायल में २० प्रतिशत फिलीस्तीनी नागरिकों के विरोध में किया जाएगा’, ऐसा उनका कहना है । फिलीस्तीन में बहुतांश लोग मुसलमान होने से वे पृथक इस्लामी देश की मांग करते आ रहे हैं ।

विश्व के कुछ देशों के कानून में आतंकवाद को प्रोत्साहन देनेवालों का नागरिकत्व रहित किए जाने की व्यवस्था है, जबकि आंतरराष्ट्रीय कानून वैसा करने की अनुमति नहीं देता ।

संपादकीय भूमिका

भारत में अलगाववाद, नक्सलवाद, खलिस्तानवाद आदि जिहादी आतंकवाद के कारण देश की अखंडता की जडें हिला दीं हैं । इसलिए भारत में भी ऐसा कानून बनाना अत्यंत आवश्यक है !